UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के सियासी रण में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री, 100 सीट पर लड़ेंगे चुनाव
अरसे से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के उत्तर प्रदेश चुनाव में उतरने के कयास लग रहे थे. उन्होंने कई दलों से बात भी की थी. अब, असदुद्दीन ओवैसी ने खुद चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. अरसे से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के उत्तर प्रदेश चुनाव में उतरने के कयास लग रहे थे. उन्होंने कई दलों से बात भी की थी. अब, असदुद्दीन ओवैसी ने खुद चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इसके साथ ही ओवैसी ने कहा है वो गठबंधन की कोशिश भी कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को ऐलान किया- ‘उनकी पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर लड़ने का फैसला लिया है. हम एक और दो दलों से गठबंधन पर बातचीत कर रहे हैं. आने वाले दिनों में गठबंधन पर ऐलान हो सकता है. हम इस स्थिति में हैं कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले के चुनाव में जीत हासिल कर सकते हैं.’
Lucknow | Our party has decided to contest elections on 100 seats. We're in talks with 1-2 more parties & time will tell if we form an alliance or not. We're in a position to win the elections: AIMIM Chief Asaduddin Owaisi, on UP Assembly Elections pic.twitter.com/Am6r2Y8Wj1
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 21, 2021
हैदराबाद सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के ऐलान के बाद दूसरी पार्टियों की चिंता बढ़नी लाजिमी है. ओवैसी कई मौकों पर केंद्र और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार को घेरते रहे हैं. बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी को तगड़ा झटका लग चुका है. यहां तक कि बीजेपी की धुर विरोधी पार्टियां एआईएमआईएम को भाजपा की बी-टीम बताने से नहीं चूकी. वहीं, असदुद्दीन ओवैसी विरोधी पार्टियों को जवाब देते रहे.
ओवैसी ने पीएम मोदी के कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान पर कहा था कि किसानों की जीत हुई है. अब, सीएए-एनआरसी पर सरकार को कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा था एंटी-सीएए आंदोलन के कारण यह ठंडे बस्ते में चला गया है. गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी शुरू से ही सीएए और एनआरसी का विरोध करते रहे हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो यूपी चुनाव में भी इस मसले को उठाएंगे.