Explainer : संगम के ऊपर पहली बार करतब दिखाएंगे फाइटर प्लेन,क्या आपको पता है वायु सेना दिवस की ये बातें
राफेल, सुखोई, तेजस, मिग -29, हॉक, जगुआर, मिराज जैसे लड़ाकू जेट और सारंग, चिनूक, अपाचे जैसे लड़ाकू विमानों लोगों को रोमांचित करेंगे.
प्रयागराज: भारतीय वायु सेना (IAF) 08 अक्टूबर 2023 को अपनी 91वीं वर्षगांठ मनाएगी. देश के विभिन्न हिस्सों में वायु सेना दिवस समारोह की मेजबानी की नई परंपरा को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष की वायु सेना दिवस परेड और वायु प्रदर्शन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा. संगम में पहली बार भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टरों के हैरतअंगेज करतब देखने को मिलेंगे. भारतीय वायुसेना ने पहली बार यहां प्रयागराज में वायु सेना समारोह आयोजित करने की औपचारिक घोषणा की है. दिल्ली से भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. भारतीय वायु सेना 8 अक्टूबर को अपनी 91वीं वर्षगांठ मनाएगी.
वायु सेना स्टेशन बमरौली में होगी औपचारिक परेड
जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ), ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेड़कर ने एक समाचार पत्र से बातचीत करते हुए कहा “देश के विभिन्न हिस्सों में वायु सेना दिवस समारोह की मेजबानी की नई परंपरा को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष की वायु सेना दिवस परेड और हवाई प्रदर्शन प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा.” उन्होंने कहा, औपचारिक परेड वायु सेना स्टेशन, बमरौली में आयोजित की जाएगी. हवाई प्रदर्शन प्रयागराज में आयुध डिपो किले के आसपास संगम क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा. वायु सेना दिवस समारोह एक सप्ताह से अधिक समय तक चलेगा. 30 सितंबर को भोपाल में भोजताल झील के पास एयर डिस्प्ले होगा.
आईएएफ प्रयागराज और भोपाल दोनों स्थानों पर अपने रोमांचक एरोबेटिक प्रदर्शनों के साथ स्थानीय लोगों का स्वागत करने और उन्हें रोमांचित करने के लिए उत्सुक हैं। रक्षा पीआरओ ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेड़कर ने कहा कि वायु सेना दिवस परेड का पिछला संस्करण चंडीगढ़ में आयोजित किया गया था, जिसमें सुखना झील के ऊपर फ्लाईपास्ट आयोजित किया गया था. वायु सेना दिवस समारोह के इस वर्ष के संस्करण में, राफेल, सुखोई, तेजस, मिग -29, हॉक, जगुआर, मिराज जैसे लड़ाकू जेट और सारंग, चिनूक, अपाचे जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों के शो में प्रदर्शन करने की उम्मीद है.
बड़ी संख्या में शामिल होंगे शहर के लोग
सूत्रों का कहना है कि ‘एयर शो’ के स्थल का चयन भारतीय वायुसेना द्वारा किया गया है. क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में शहर के स्थानीय लोग शामिल होंगे. चूंकि वहां एक विशाल खुला स्थान है, बड़ी संख्या में दर्शकों को आसानी से समायोजित किया जा सकता है और कार्यक्रम स्थल तक पहुँचने का रास्ता भी काफी सुविधाजनक है. इसके अलावा, शहर के नैनी और झूंसी की ओर से आने वाले लोगों को नदी पार करने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि वे गंगा और यमुना नदी के दूसरी तरफ से शो देख सकते हैं.
जानें क्या होता है वायुसेना दिवस
भारतीय वायु सेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है. हर साल, वायु सेना दिवस वायुसेना प्रमुख और तीनों सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हिंडन बेस पर मनाया जाता है. इन समारोहों में एक हवाई प्रदर्शन शामिल है जहां सबसे महत्वपूर्ण और पुराने विमान एक शानदार शो पेश करते हैं.
8 अक्टूबर, 1932 को ब्रिटिश साम्राज्य ने की थी स्थापना
भारतीय सेना के तीन अंग हैं, जिसमें भारतीय वायु सेना (आईएएफ) भी है. वायु सेना का प्राथमिक मिशन भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करना और सशस्त्र संघर्षों के दौरान हवाई गतिविधियों का संचालन करना है. भारतीय वायु सेना में करीब 170,000 से अधिक कर्मी सेवा में हैं. इसके कर्मी और विमान संपत्ति दुनिया की वायु सेनाओं में चौथे स्थान पर हैं. ‘भारतीय वायु सेना’ के नाम से भी जानी जाने वाली IAF की स्थापना आधिकारिक तौर पर 8 अक्टूबर, 1932 को ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा की गई थी. भारत के राष्ट्रपति को वायु सेना के सर्वोच्च कमांडर का पद प्राप्त है. वायु सेना प्रमुख, जिनको एयर चीफ मार्शल कहा जाता है वह वायु सेना की परिचालन कमान के लिए जिम्मेदार होता हैं. भारतीय वायु सेना न केवल सभी खतरों से भारतीय क्षेत्र और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करती है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता भी प्रदान करती है. भारतीय वायुसेना युद्ध के मैदान पर भारतीय सेना को हवाई सहायता के साथ-साथ रणनीतिक और सामरिक एयरलिफ्ट क्षमताएं भी प्रदान करती है.
पांच परिचालन और दो एक्शन कमांड
भारतीय वायु सेना में उच्च प्रशिक्षित चालक दल और पायलट शामिल हैं और आधुनिक सैन्य संसाधनों तक पहुंच है जो भारत को तेजी से प्रतिक्रिया निकासी, खोज-और-बचाव (एसएआर) संचालन करने और मालवाहक विमानों के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में राहत आपूर्ति पहुंचाने की क्षमता प्रदान करती है. वायु सेना को पांच परिचालन और दो एक्शन कमांड में विभाजित किया गया है. प्रत्येक कमांड की देखरेख एयर मार्शल रैंक के एक एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा की जाती है. एक ऑपरेशनल कमांड का उद्देश्य अपनी जिम्मेदारी के क्षेत्र के भीतर विमान का उपयोग करके सैन्य संचालन करना है, और एक्शन कमांड की जिम्मेदारी युद्ध की तैयारी बनाए रखना है.
भारतीय वायुसेना के बारे में तथ्य
– IAF दुनिया की चौथी सबसे बड़ी परिचालन वायु सेना के रूप में शुमार है
– भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य ‘गौरव के साथ आकाश को छूओ’ है और यह भगवद गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है
– वायु सेना में लगभग 170,000 कर्मी और 1,400 से अधिक विमान कार्यरत हैं
– स्वतंत्रता के बाद, वायु सेना ने पाकिस्तान के साथ चार और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ एक युद्ध में भाग लिया
– IAF संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों के साथ काम करता है.