लखनऊ की अकबरनगर कालोनी में दुकानों और मकानों पर बुलडोजर चलाने पर हाईकोर्ट की रोक, 22 जनवरी को होगी सुनवाई
कुकरैल नाले (नदी) के किनारे बने अवैध निर्माण पर प्रशासन की कार्रवाई का आदेश बुधवार को हो गया था. इसके तहत तय हुआ था कि अयोध्या मुख्य मार्ग पर बनी अवैध दुकानों और शोरूम को पहले तोड़ा जाएगा. अकबर नगर प्रथम और द्वितीय में कुल 1068 मकान और 101 दुकानें-शोरूम हैं.
लखनऊ: राजधानी के कुकरैल नाले के किनारे बसी अवैध घोषित अकबरनगर के मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चलाने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. हाईकोर्ट का कहना है कि पुनर्वास होने तक लोगों को न हटाया जाए. लखनऊ जिला प्रशासन ने गुरुवार सुबह से ही इन मकानों-दुकानों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की थी. इसी के साथ स्थानीय लोगों ने ध्वस्तीकरण का विरोध शुरू कर दिया. वहां बीजेपी के मंडल अध्यक्ष मंगल झा भी अपने समर्थकों के साथ पहुंच गये. उन्होंने ध्वस्तीकरण का विरोध किया, तो पुलिस ने लाठियों से पीट दिया. इसके बाद वहां विरोध प्रदर्शन भी शांत हो गया. इसके बाद जिला प्रशासन के दस्ते ने फिर से मकान-दुकान तोड़ने शुरू कर दिये थे. हालांकि हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद बुलडोजर एक्शन रुक गया है. अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी.
कुकरैल रिवर फ्रंट के लिये नदी पर बने अवैध कब्जों को जिला प्रशासन और एलडीए तोड़ रहा है. इसी के तहत गुरुवार को अकबर नगर में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की शुरू की गयी थी. सुबह से ही कार्रवाई की तैयारियों के चलते मुख्य मार्ग पर भीषण जाम लग गया था. अयोध्या रोड, बंधा रोड और महानगर तक गाड़ियों की लाइन लगी हुई थी. हालांकि मौके पर भारी पुलिस बल के साथ एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी, डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. लेकिन इस जाम से निजात दिलाने में कोई सक्षम नहीं हो पाया.
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गौरतलब है कि अकबर नगर में कार्रवाई को लेकर स्थानीय दुकानदारों और मकान मालिकों ने मंडलायुक्त के यहां याचिका दाखिल की थी. लेकिन मंडलायुक्त रोशन जैकब ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी थी. इसके बाद रातों रात सभी घरों व दुकानों में ध्वस्तीकरण की नोटिस चस्पा कर दी गयी. इसी के बाद गुरुवार 21 दिसंबर को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गयी.
विस्थापितों को आवास और दुकानें आवंटित
अकबर नगर के विस्थापितों को एलडीए आवास और दुकानें आवंटित कर रहा है. एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि अकबर नगर में ही एक विशेष पंजीकरण शिविर लगाया गया है. इसमें 40 से अधिक लोगोंने पीएम आवास योजना के फार्म लिये थे. वहीं 60 से अधिक लोगों ने डूडा के आवास के लिये पंजीकरण कराया है. विस्थापितों के लिये पंजीकरण राशि भी 50 फीसदी घटा दी गयी है. व्यावसायिक श्रेणी में भी पंजीकरण राशि को घटाया गया है.