Akhilesh Yadav: जाति के सवाल पर फिर बोले अखिलेश यादव, कहा-पढ़ें डॉ. अंबेडकर की किताब एनिहिलेशन ऑफ कास्ट
Akhilesh Yadav: लोकसभा में राहुल गांधी की जाति पूछने का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है. बुधवार को मीडिया से बातचीत में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर इस मुद्दे को उठा दिया है.
लखनऊ: लोकसभा में कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष की जाति पूछने के मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि जाति का सवाल जिसे जानना है, उसे डॉ. अंबेडकर की किताब एनिहिलेशन ऑफ़ कास्ट (Annihilation of Caste) जरूर पढ़ना चाहिए. इस सदन में नेता जी, डॉ. राम मनोहर लोहिया ने जाति तोड़ो की बात कही थी. क्या इनके पास कोई व्यवस्था है जिससे जाति तोड़ी जा सके.
मंडल कमीशन और संविधान की प्रस्तावना पढ़ें
सपा अध्यक्ष (Samajwadi Party) ने कहा कि बीजेपी के लोग बताएं कि जाति तोड़ो आंदोलन, जो राम मनोहर लोहिया ने चलाया था और समाज में परिवर्तन लाने की कोशिश की थी, क्या उनके पास कोई विकल्प है. जिसको जाति को लेकर दिक्कत और परेशानी है, उसे मंडल कमीशन की किताब आज ही खरीद लेनी चाहिए और उसकी प्रस्तावना पढ़नी चाहिए. यही नहीं उसे संविधान की प्रस्तावना भी पढ़नी चाहिए. जिसमें सोशलिस्ट कंट्री की बात कही गई है. जिसमें गैर बरबारी खत्म करने की बात कही गई है. जाति के अधार पर आरक्षण इसलिए दिए गए है कि हम गरीब है. अगर जाति जनगणना की मांग हो रही है तो इसमें कुछ गलत नहीं है. हमारे बहुत सारे फैसले और नीतियां तभी अच्छे से तैयार होंगी जब जाति जनगणना होगी. समाज को पता चलना चाहिए कि कौन कितनी आबादी है? उसको उसी हिसाब से उसका हक और सम्मान मिल जाए.
हमारे गठबंधन ने एमवाई को हराया
अखिलेश यादव ने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि बीजेपी के लोग पीडीए से घबराए हुए हैं. क्योंकि एनडीए को किसी ने पटका है तो वो पीडीए है. जो लोग कहते थे कि एमवाई गठबंधन है. हमारे गठबंधन ने एमवाई को हराने का काम किया है. इसका जवाब उनके पास नहीं है. सवाल अगर ये हट जाए एक बार, क्या बीजेपी, कांग्रेस नेता या किसी व्यक्ति की जाति पूछ सकते हैं. हम आप व्यवहारिक मजाक करते हैं तो एक बार कोई बाद चली जाए. लेकिन सदन में जो शब्द का इस्तेमाल हुआ था. मुझे लगता है कि अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) को कहा गया है कि 99 बार गाली खाकर आओ तब मंत्री बनोगे.
सीएम आवास को गंगाजल से धोने पर उठाया सवाल
उन्होंने कहा कि ये जाति का सवाल नया नहीं है, जाति का सवाल बहुत पुराना है. एक समय ऐसा आया था उत्तर प्रदेश के सदन में जब शूद्र को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी. जब मैं मंदिर में दर्शन करने गया तो कुछ ऐसी ताकते समाज में थी, जो नहीं चाहती थी कि मैं हवन पूजन करूं. इसका पता लगाना होगा कि वो कौन सी ताकतें हैं समाज की जो किसी को पूजा पाठ के लिए उस समय रोक रही थी. अखिलेश यादव ने कहा कि वो दिन मैं भूल नहीं सकता हूं, जिस दिन मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धोया गया था. मुझे कोई समझा दे किसी मुख्यमंत्री के घर को गंगाजल से कैसे साफ किया जा सकता है. उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान हुई मैनपुरी की घटना का भी हवाला दिया और कहा कि मैनपुरी में सबने देखा था कि बहुत सारे लोगों ने प्रतिमा को धोया था.
कन्नौज के मंदिर को धोने की घटना याद दिलाई
समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि मैं कन्नौज में उस मंदिर में गया था, जहां जाने के बाद मैं पहली बार चुनाव जीता था, वहां से आने के बाद मंदिर को धोया गया था. जब आप चंद्रमा पर जाना चाहते हैं, डिजिटल इंडिया की बात करते हों, विश्व गुरु, अमृत काल, विकिसत भारत की बात करते हों और आप गंगाजल से मंदिर को धोते हैं.