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Akhilesh Yadav: मतगणना से पहले अखिलेश यादव ने बीजेपी पर बोला हमला, कहा देश को महंगाई और बेरोजगारी में धकेला

Akhilesh Yadav सपा अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले प्रेस काफ्रेंस में बीजेपी सरकार की 10 साल की कार्यप्रणाली पर प्रहार किया.

By Amit Yadav | June 3, 2024 2:33 PM
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले बीजेपी पर तगड़ा हमला बोला है. उन्होंने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी सरकार की 10 साल की विफलताओं को गिनाया. खासतौर से महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के खिलाफ कार्रवाई, मणिपुर, हाथरस कांड, कानपुर में मां-बेटी को जिंदा जलाने, पहलवान बेटियों से अभद्र व्यवहार, इलेक्ट्रोर बॉन्ड से वसूली, लद्दाख में रेजांगला स्मारक पर चीन के कब्जे को लेकर अखिलेश यादव ने करारा प्रहार किया.

बीजेपी ने देश का सौहार्द बिगाड़ा
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि सामाजिक रूप से बीजेपी ने देश में सौहार्द बिगाड़ा. भाईचारा खत्म किया. जाति के खिलाफ जाति, संप्रदाय के खिलाफ संप्रदाय से लड़वाया. संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण को साजिशन खत्म करने के लिए बेरोजगारों से छल किया. पेपर लीक कराया. देश के लिए आगे बढ़कर लड़ने वालों की बहन बेटियों के लिए जानबूझकर अपने मंत्रियों से अपशब्द कहलाए. मणिपुर, हाथरस, महिला पहलवान, पिछड़े, दलित, आदिवासियों पर अत्याचार और सबसे खराब व्यवहार करने का रिकॉर्ड बनाया.

इलेक्टोरल बॉन्ड से ऐतिहासिक भ्रष्टाचार
उन्होंने (Akhilesh Yadav) कहा कि बीजेपी ने इलेक्टारेल बॉन्ड का ऐतिहासिक भ्रष्टाचार किया. इलेक्टोरल बांड से पैसा कमाने के लिए मुनाफाखोरी को बढ़ावा दिया. जिसने महंगाई को बढ़ाया. अपने फायदे के लिए भाजपा ने बेतहाशा महंगाई थोप दी. नोटबंदी से व्यापार को चौपट किया. जीएसटी से छोटे दुकानदार को मंदी का शिकार बना दिया. किसानों की जमीन हड़पने, काले कानून लाने, खाद की बोरी की चोरी की. किसानों को लाभकारी मूल्य नहीं दिया. यही नहीं देश को सबसे बड़ी बेरोजगारी में धकेला.

महंगाई से गरीब को और गरीब बनाया
सपा अध्यक्ष (Akhilesh Yadav) ने कहा कि महंगाई से गरीब को और गरीब बना दिया. अमीरों के अरबों के लोन माफ किया. लेकिन किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया. ब्याज की दर घटाकर मध्यम वर्ग की बचत को बेकार कर दिया. बैंकों में तरह-तरह के चार्ज लगाकर खातों को दीमक की तरह अंदर खाया गया. बैंक लॉकरों के नाम पर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. अनैतिक रूप से चंदे तक का पैसा खा गए. केयर फंड के नाम के आगे पीएम लिखा, बाद में हिसाब देने से मना कर दिया.

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