Lucknow: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी दफ्तर के बाहर पीड़ित मां का न्याय की गुहार लगाते हुए खुद को आग लगा लेना दु:खद है. एटा में कर्ज में डूबा किसान खुदकुशी के लिए मजबूर हो गया. कानपुर देहात में खेत में मिट्टी का खनन होने से परेशान किसान ने भी आत्महत्या का रास्ता चुना. ये बीजेपी राज में कानून व्यवस्था का हाल है.
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की पिछली सरकार में 5 लाख नौकरियां दिये जाने का दावा किया गया था, जिसका डाटा आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. किसी को नहीं मालूम कि किसको कहां नौकरी मिली? अब भाजपा सरकार 100 दिन में दस हजार नौकरियां देने का वादा कर रही है. इनकी करनी और कथनी को सभी ने देखा है. भाजपा सरकार की नई घोषणाएं महज झांसा है.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि युवाओं की नौकरी, रोजगार के प्रति भाजपा सरकार पूरी तरह संवेदनशून्य है. बेरोजगारी के कारण नौजवान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. मेरठ में बीजेपी नेता के गुंडो का एक गरीब वेज बिरयानी वाले की लाचारी का फायदा उठा कर उसकी रोजी-रोटी को तहस-नहस कर देना सरकार के जंगलराज का प्रतीक है. गोसाईगंज पुलिस ने निर्दोष युवक को फर्जी मुकदमें में जेल भेज दिया है.
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अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी राज में थाने, तहसील, कलेक्ट्रेट सब भ्रष्टाचार के अड्डे बना दिये गये हैं. सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति महज दिखावा है. सत्ता के संरक्षण में प्रशासन निर्दोषों, गरीबों का उत्पीड़न करने में लग गया है. किसानों पर बुलडोजर चल रहा है.
सपा प्रमुख ने कहा कि ‘सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास‘ के नारे से लोगों को गुमराह करने में माहिर भाजपा नेतृत्व को इस बात का जवाब देना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में नफरत फैलाकर क्यों अत्याचार को छूट दे रखी है? भाजपा का एजेंडा समाज को बांटकर अपना राजनीतिक स्वार्थ साधन करना है. जनता उसकी सच्चाई से पूरी तरह परिचित हो गई है.