UP News: ब्रजेश पाठक ने एक्स पर अपने नाम के आगे लिखा ‘सर्वेंट’, अखिलेश यादव ने कहा था सर्वेंट डिप्टी सीएम

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को जेपीएनआईसी के मुद्दा को फिर उठा दिया. उन्होंने कहा कि किसी सड़क के टूटने पर उसकी भरपाई तोड़ने वाले की जेब से करते हैं तो क्या रिवर फ्रंट, जेपीएनआईसी, वहां स्थिति म्यूजियम और पार्कों की बर्बादी की भरपाई सरकार से वसूल नहीं की जानी चाहिए.

By Amit Yadav | October 13, 2023 10:25 AM

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ब्रजेश पाठक को ‘सर्वेंट डिप्टी सीएम’ बोल दिया है. उन्होंने गुरुवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि सर्वेंट डिप्टी सीएम के सवाल का जवाब हम नहीं देते. अखिलेश के इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी का एक दौर फिर शुरू हो गया. बुधवार को ब्रजेश पाठक ने जेपीएनआईसी में अखिलेश यादव के गेट फांदने पर टिप्पणी की थी. गुरुवार को उस पर सपा अध्यक्ष ने पलटवार किया था. हालांकि अखिलेश यादव के इस बयान के बाद ब्रजेश पाठक ने एक्स सोशल मीडिया एकाउंट पर अपने नाम से पहले सर्वेंट लिख लिया है.

अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में जेपीएनआईसी के मुद्दे को उठा दिया. उन्होंने कहा कि किसी सड़क के टूटने पर उसकी भरपाई तोड़ने वाले की जेब से करते हैं तो क्या रिवर फ्रंट, जेपीएनआईसी, वहां स्थिति म्यूजियम और पार्कों की बर्बादी हो रही है. क्या इसकी भरपाई सरकार से वसूल नहीं की जानी चाहिए.

अखिलेश यादव डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर लोहिया पार्क में उनकी फोटो पर माल्यार्पण करने गये थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की. सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि “समाज को और देश को कोई दिशा दे सकता है आज की परिस्थितियों में तो वही सिद्धांत जो डॉ राम मनोहर लोहिया जी ने दिए। जो शोषित हैं, वंचित हैं, पीड़ित हैं, जिन्हें समाज में अभी भी वो हक और सम्मान नहीं मिला, उनके लिए डॉ लोहिया जी ने, नेता जी ने अपना पूरा जीवन लगाया और उन्हीं के बताए रास्ते पर चले.

डॉ लोहिया जी ने वो रास्ता दिखाया जो आज भी प्रासंगिक है. आज भी अगर हम उस रास्ते पर चलें, उन सिद्धांतों पर चलें तो समाज की तमाम समस्याओं का समाधान हो सकता है. गैर बराबरी कोई खत्म कर सकता है तो लोहिया जी के सिद्धांत और नेताजी का संघर्ष, उसी का संकल्प हर साल हम लोग लेते हैं.”

“जब साथ आने की बात हो गई, गठबंधन की बात हो गई तो सीटों का भी मसला कोई बड़ा नहीं है. बीजेपी को घबराहट है कि बीजेपी का सफाया होता जा रहा है. लोकनायक जयप्रकाश जी की प्रतिमा को इस तरह से ढकना, टीन शेड लगाना, गेट पर ताला लगा देना, क्या नियत थी इनकी, क्या छिपाना चाहते थें?

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