UP News: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है. आज विधानसभा सत्र का दूसरा दिन है. विधानमंडल के मानसून सत्र में पहले दिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मणिपुर हिंसा का मुद्दा विधानसभा में उठाया. उन्होंने आवारा पशुओं के मुद्दे को प्रमुखता से रखा था. जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विवादित बयान देकर सियासी माहौल को गर्म कर दिया. इस पर अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी को बेबस और शक्तिहीन बताया है. हालांकि अखिलेश ने ट्वीट में किसी मंत्री का नाम नहीं लिया है.
दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा ‘उन शक्तिहीन बेबस मंत्रियों की व्यक्तिगत टिप्पणी पर क्या जवाब देना, सरकार में जिनकी कोई गिनती तक नहीं है. हमारी तो यही प्रार्थना है कि बेचारगी से त्रस्त ऐसे मंत्री जी को सन्मति दे भगवान! यदि अहंकार से मतिभंग होने का कोई उपचार होता तो हम उसके लिए भी सच्चे मन से प्रार्थना करते.’
उन शक्तिहीन बेबस मंत्रियों की व्यक्तिगत टिप्पणी पर क्या जवाब देना, सरकार में जिनकी कोई गिनती तक नहीं है। हमारी तो यही प्रार्थना है कि बेचारगी से त्रस्त ऐसे मंत्री जी को सन्मति दे भगवान! यदि अहंकार से मतिभंग होने का कोई उपचार होता तो हम उसके लिए भी सच्चे मन से प्रार्थना करते।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 8, 2023
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने सोमवार को विवादित बयान दिया था. विधानमंडल के मानसून सत्र में अखिलेश यादव ने आवारा पशुओं के मुद्दे ना उठाने से जुड़े एक सवाल पर लक्ष्मी नारायण चौधरी ने पहले तो विपक्ष को मुद्दाविहीन बताया फिर कहा कि अखिलेश यादव अपनी असलियत से भटक रहे हैं. उनका काम ही जानवर पालना था.
वो अपने पैतृक धंधे को ही भूल रहे हैं. उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि गाय और भैंस पालना तो उनके पूर्वजों का मुख्य काम था. चूंकि वो मंत्री के घर में पैदा हुए. मुख्यमंत्री के घर में बड़े हुए. आसमान से टपके हैं. इसलिए उन्हें बार-बार वही बात याद आती है. उनको तो ये सोचना चाहिए कि उनके पूर्वजों का ये धंधा है. जिस नन्द बाबा के वो वंशज बनते हैं, उनकी तो 9-9 गाय थीं.