देश में बिहार के राजनीति पर इस समय जमकर चर्चा हो रही है. सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक बार फिर से एनडीए के पाले में जाने का कयास लगाया जा रहा है. इस बीच यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ नहीं पकड़ना चाहिए. वहां उन्हें क्या मिलेगा? अखिलेश यादव ने कहा कि यदि नीतीश इंडिया गठबंधन में होते तो प्रधानमंत्री भी बन सकते थे. हम सभी में से कोई एक प्रधानमंत्री का उम्मीदवार तो है ही. यहां किसी का भी नंबर लग सकता है. आखिर वहां उन्हें क्या मिलेगा? एक टीवी चैनल से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि यह कांग्रेस की जिम्मेदारी थी कि वह नीतीश को इंडिया गठबंधन में बनाए रखे. उनकी नाराजगी समझनी चाहिए थी. कांग्रेस को जिस तत्परता के साथ हालात संभालने चाहिए थे उसने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दल उनका सम्मान करते हैं. कोई पार्टी ऐसी नहीं है कि जो उनका सम्मान ना करती हो. उन्होंने आगे कहा कि अब जब बीजेपी पूरी तैयारी के साथ उत्तर प्रदेश में चुनाव की शुरुआत कर चुकी हैं ऐसे में अब और देरी नहीं होनी चाहिए. बीजेपी ने अब तक जितने भी यूपी में कार्यक्रम किए है वो सभी चुनाव को लेकर ही किए हैं. इसलिए गठबंधन में भी देरी नहीं होनी चाहिए. इंडिया गठबंधन को पीडीए ही रास्ता दिखाएगा. अब समय आ गया है कि जल्द सीटों का बंटवारा हो, ताकि सभी प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए जुटें. हमारी रणनीति बस यही है कि जो भी चुनाव जीत सके उसी उम्मीदवार को टिकट दिया जाना चाहिए.
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अखिलेश यादव ने कहा कि पीडीए कुछ लोगों की आवाज़ नहीं बल्कि देश के 90 फ़ीसद लोगों की आवाज है. समाजवादी पार्टी का लक्ष्य सिर्फ यही हैं कि भारतीय जनता पार्टी का मजबूती से मुक़ाबला हो. हमें सीटें अगर कुछ कम ज़्यादा करनी पड़ी तो भी हम तैयार हैं. हमला लक्ष्य सिर्फ़ इतना है कि जो चुनाव जीत सके उसे टिकट दिया जाएं. वहीं राहुल गांधी की न्याय यात्रा पर अखिलेश यादव ने कहा कि कई नेताओं को इसी बात से शिकायत है कि जो यात्रा निकल रही है उसमें उन दलों का सहयोग नहीं लिया गया. ये सीट बंटवारे का समय हैं. अगर सीटों का बंटवारा हो जाता तो कांग्रेस को और दलों का भी साथ मिलता. सपा नेता ने कहा कि उन्हें भी न्याय यात्रा में नहीं बुलाया गया है. अगर वो बुलाएंगे तो सपा उस पर विचार करेगी.
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वहीं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं. इसके लिए उनके फैसले और वो खुद जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि जेडीयू और उसके नेताओं की करतूतों के कारण विपक्ष के लिए नई उम्मीद बना इंडिया गठबंधन खतरे में नजर आ रहा है. कांग्रेस को पूरे देश में अकेले चुनाव लड़ने पर विचार करना चाहिए, इन बैसाखियों के सहारे इतनी बड़ी लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती. इससे पहले 21 जनवरी को संभल में ऐंचोड़ा कंबोह स्थित श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि राम के बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. राम तो भारत की आत्मा हैं. विपक्षी दल भाजपा से लड़ें लेकिन राम से नहीं लड़ें. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राम राज्य का सपना तो महात्मा गांधी ने देखा था. कांग्रेस पार्टी जो महात्मा गांधी की पार्टी है वह राम विरोधी नहीं हो सकती. राम के बिना तो भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती. भारत के लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती. प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने वाले सभी विपक्षी दलों और उनके नेताओं ने भारतीय सांस्कृति और सभ्यता का अपमान किया है. निमंत्रण को ठुकराकर भारत की अस्मिता और अस्तित्व को चुनौती दी है. आगे कहा कि विपक्षी दल भाजपा से लड़ें लेकिन राम, सनातन और भारत से नहीं लड़ें. राम के निमंत्रण को तो कोई पादरी और मुसलमान भी नहीं ठुकरा सकता.