UP Assembly Winter Session 2023: यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में सत्तापक्ष और विरोधी दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप तेज होता नजर आ रहा है. विधानसभा में बुधवार को डेंगू के मुद्दे पर सपा और भाजपा विधायकों के बीच तीखी बहस हुई. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सपा पर कटाक्ष किया. इसके बाद नेता सदन योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच भी आरोप प्रत्यारोप होता नजर आया. प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर सपा की तरफ से सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए गए. इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि पोर्टल के जरिए सभी प्रदेशवासियों का ब्योरा उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही ब्लड सेप्रशन यूनिट के आंकड़े पेश करते हुए उन्होंने पूर्व की सपा सरकार को निशाने पर लिया. विपक्ष ने इसका विरोध किया. इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि पूर्व की सपा सरकार में अस्पतालों से वसूली होती थी, जबकि हम संरक्षण का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व की सपा सरकार लाठी डंडे और बंदूक के दम पर चलती थी. लेकिन, मौजूदा सरकार में कानून का राज स्थापित किया गया है. विपक्ष के शोहर शराबे के बीच अखिलेश यादव ने कहा कि बात डेंगू जैसे गंभीर मामले को लेकर आ रही है. लेकिन, यहां बात व्यापार की हो रही है. सरकार डेंगू के मामले का निदान करने में विफल रही है. सरकार ने सिर्फ गरीबों के साथ व्यापार करके उनका शोषण किया.
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की टिप्पणी के बाद नेता सदन सीएम योगी आदित्यनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि जैसे सवाल किया जा रहा है, वैसे ही जवाब दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बात सिर्फ डेंगू की हो रही है जबकि यहां बात वॉटर बॉर्न डिसिज की होनी चाहिए. सिर्फ डेंगू नहीं बल्कि मलेरिया और काला जार जैसी बीमारियों का इलाज भी किया जा रहा है. हमारी सरकार में किसी का चेहरा देखकर काम नहीं किया जाता है. हमारी प्राथमिकता हर समस्या का समाधान करने का है.
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इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि नेता सदन को सुनते हुए ऐसा लग रहा था कि उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री ले रखी है. उन्होंने लखनऊ के एसजीपीजीआई में इलाज न मिलने पर पूर्व भाजपा सांसद भैरा प्रसाद मिश्रा के बेटे की मौत के मामले को उठाते हुए कहा कि वे इलाज के लिए गुहार लगाते रहे. लेकिन, उन्हें इलाज नहीं मिल पाया. सच्चाई ये है कि सरकारी संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है, जबकि प्राइवेट अस्पताल को आगे बढ़ाया जा रहा है. सपा सदस्यों ने बाद में जातिवार गणना के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने के लिए कार्यस्थगन का प्रस्ताव किया. उन्होंने कहा कि सपा की मांग पर वर्ष 2011 में जनगणना कराई गई पर उसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए. इस पर नेता सदन के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन का बहिर्गमन किया.
सदन के बाहर नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा के पास विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है. लोकतंत्र में हम सब लोग जनता के लिए जवाबदेही हैं. ऐसे में भाजपा के पास जवाब नहीं होता है. तब वह निजी टिप्पणी पर आ जाते हैं. ये लोग लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते है ताकि जनता की जवाबदेही से बचा जा सके. अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार में सिर्फ चार दिन के सत्र और विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करने की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार जनता के सवाल उठाने पर रोक लगाना चाहती है. विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है. उन्होंने कहा कि जब सरकार पिछले बजट की धनराशि ही खर्च नहीं कर पा रही है तो फिर अनुपूरक बजट लाने की क्या जरूरत थी? यह खोखला बजट है.
अखिलेश यादव ने कहा कि यह अजीब बात है कि समाजवादी पार्टी सन् 2017 से सरकार से बाहर है. जवाब इनको देना चाहिए पर आज भी यह सवाल समाजवादी पार्टी से कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने कहा पूरे उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था खराब है. चाहे वह जिला अस्पताल हो या पीएसी या सीएससी हो या फिर मेडिकल कॉलेज हो. सरकार जानबूझकर कर सरकारी अस्पतालों को खत्म कर रही है ताकि प्राइवेट नर्सिंग होम को बढ़ावा मिले. प्राइवेट नर्सिंग होम और प्राइवेट लोगों से सरकार मिली हुई है. सूचनाएं मिल रही हैं कि सरकार सीधे-सीधे प्राइवेट लोगों की मदद करना चाहती है. सरकार प्राइवेट अस्पतालों को बढ़ावा देना चाहती है.
अखिलेश यादव ने कहा कि अस्पतालों में दवाइयों की कमी है. भाजपा के एक पूर्व सांसद अपने पौत्र को पीजीआई में इलाज के लिए लाये थे. एसजीपीजीआई में उसको इलाज नहीं मिला. वह उसको नहीं बचा पाए. यह एक उदाहरण नहीं है. राजभवन के पास भी एक महिला का प्रसव हुआ था. उन्होंने कहा आप राजधानी लखनऊ में कहीं चले जाइए इमरजेंसी में आपको एडमिशन नहीं मिलेगा. बुलाने पर एम्बुलेंस नहीं मिलेगी. अस्पतालों में बेड नहीं मिलेगा. दलालों के माध्यम से प्राइवेट अस्पतालों में इलाज हो रहा है जहां गरीब जनता को लूटा जा रहा है.