लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे. उन्होंने श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है. इसी के साथ कई दिनों से चल रही बयानबाजी पर विराम लग गया है. अखिलेश यादव का कहना था कि उन्हें राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण नहीं मिला है. जबकि विहिप के नेता आलोक का कहना था कि उन्होंने कूरियर से निमंत्रण पत्र भेजा गया है. इसी को लेकर कई दिनों से बयानबाजी चल रही थी.
शनिवार को अखिलेश यादव ने अचानक अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स एक पत्र को साझा करते हुए इस पूरे विवाद का पटाक्षेप कर दिया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के स्नेह निमंत्रण के लिए धन्यवाद और समारोह के सकुशल होने की हार्दिक शुभकामनाएं. हम प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के बाद सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य आएंगे.
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Also Read: Ram Mandir: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के विशिष्ट मेहमानों को उपहार में दी जाएगी ‘रामरज’इससे पहले अखिलेश यादव लगातार कह रहे थे कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला है. भगवान जब बुलाएंगे तब अयोध्या पहुंच जाएंगे. मंदिर में दर्शन के लिए निमंत्रण नहीं दिया जाता है. यदि किसी ने निमंत्रण दिया हो तो वो रसीद दिखाए. इसको लेकर लगातार उन पर बीजेपी व उसके समर्थक हमला कर रहे थे. इसी बीच सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक रसीद भी वायरल हो गई. जिसमें दिख रहा है कि चंपत राय की तरफ से एक निमंत्रण पत्र कूरियर के माध्यम से 10 जनवरी को अखिलेश यादव को भेजा गया है. इन सब के बीच अचानक शनिवार शाम को अखिलेश यादव ने अपने एक्स एकाउंट पर एक पत्र डाला, जिसमें निमंत्रण मिलने की स्वीकरोक्ति थी. साथ ही यह भी लिखा था कि वह अयोध्या रामलला के दर्शन आएंगे. अखिलेश के इस जवाब से अचानक उनके विरोधियों की बोलती बंद हो गई है.
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