अखिलेश यादव समाजवादी विकास-रोजगार यात्रा निकालेंगे, बोले- इत्र नगरी को भाजपा सरकार ने किया बर्बाद

सपा प्रदेश में समाजवादी विकास रोजगार यात्रा निकालेगी. अखिलेश यादव इस यात्रा से कन्नौज सहित पूरे प्रदेश में बीजेपी के कार्यों की पोल खोलेंगे. उन्होंने कहा कि अपने इत्र के लिए मशहूर कन्नौज अपने दुर्दिनों के दौर से गुजर रहा है.

By Sandeep kumar | July 28, 2023 11:37 AM

Lucknow : लोकसभा चुनाव- 2024 को लेकर सभी पार्टियां सक्रिय हो गई हैं. इसी क्रम में सपा प्रमुख अखिलेश यादव 6 अगस्त को कन्नौज में समाजवादी विकास-रोजगार यात्रा निकालने जा रहे हैं. यह यात्रा कन्नौज में काऊमिल्क प्लांट से शुरू होकर मंडी तक जाएगी. करीब 20 किमी के इस रूट पर अखिलेश लोगों से मिलेंगे और संवाद करेंगे. इस यात्रा में बड़ी संख्या में समाजवादी कार्यकर्ता शिरकत कर सकते हैं. यात्रा का फोकस सपा सरकार में कन्नौज में शुरू किए गए विकास कार्यों और उनकी मौजूदा स्थितियों को दिखाने पर होगा.

अखिलेश वर्ष 2000 में पहली बार कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने थे. 2012 से यहां अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सांसद थीं. 2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक ने डिंपल को हराकर यह सीट समाजवादियों से छीन ली थी. सूत्रों के अनुसार, अखिलेश एक बार फिर कन्नौज से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है. वहां के कार्यक्रमों में उन्होंने इसका इशारा भी किया है. यही वजह है कि कन्नौज में अखिलेश की सक्रियता भी बढ़ी है.

इसी कड़ी में अब वह यात्रा निकालने जा रहे हैं. सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी का कहना है कि यह यात्रा भाजपा सरकार के दौर में कन्नौज सहित पूरे प्रदेश में विकास कार्यों की बर्बादी को रेखांकित करेगी. अखिलेश ने कन्नौज के विकास के लिए दूरदर्शी नीतियां अपनाते हुए कई कदम उठाए थे. इत्र म्यूजियम बनाने की योजना बनाई थी. भाजपा ने सारे विकास कार्य ठप कर दिए.

संजय सिंह के समर्थन में पहुंचे अखिलेश

अखिलेश यादव गुरुवार को दिल्ली पहुंचे और संसद भवन के बाहर धरना दे रहे निलंबित राज्यसभा सांसद संजय सिंह से मुलाकात कर उनके खिलाफ कार्रवाई को गलत बताया. अखिलेश ने कहा कि आरएसएस की फैलाई नफरत और भाजपा की वोट की राजनीति के कारण मणिपुर में यह सब हुआ है. उन्होंने कहा कि वह संजय सिंह और उन तमाम सांसदों का समर्थन करते हैं, जो मणिपुर की घटना पर बहस चाहते हैं.

यूपी में भाजपा का पसमांदा स्नेह यात्रा स्थगित

भारतीय जनता पार्टी एक अगस्त से पसमांदा स्नेह यात्रा निकालने जा रही है. बता दें कि पिछले साल से ही भाजपा पसमांदा समाज के लोगों को अपनी ओर करने के लिए लगातार प्रयासरत है और इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा पसमांदा मुसलमानों के साथ लगातार संवाद स्थापित करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. सूत्रों की मानें तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय से हरी झंडी दिखाकर इस यात्रा का शुभारंभ करेंगे. बता दें कि ये यात्रा आज से ही यानी 27 जुलाई से ही शुरू करने जा रही थी, लेकिन इसे रद्द कर अब एक अगस्त से शुरू किया जाएगा.

खबर सामने आ रही है कि एक अगस्त से पसमांदा ने यात्रा शुरू होगी, जिसकी शुरुआत गाजियाबाद से की जाएगी और ये यात्रा यूपी के 27 मुस्लिम बाहुल्य जिलों से होकर गुजरेगी. इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता पसमांदा मुसलमानों के साथ संवाद स्थापित करेगी. इसी के साथ ये यात्रा देश के अन्य राज्यों से भी गुजरेगी. बता दें कि यात्रा के दौरान पसमांदा समाज को जागरूक किया जाएगा.

पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मुस्लिम बाहुल्य लोकसभा सीटों तक पहुंचेंगे और मुसलमानों के साथ संवाद भी स्थापित करेंगे और यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट के बारे में लोगों से बात करेगी और उनको जागरूक करेगी. इसी के साथ उनके हित में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी देगी.

भाजपा पसमांदा समाज में अपना सिक्का जमाने के लिए प्रदेश में लगातार पसमांदा मुसलमानों के क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है. बीजेपी पसमांदा बुद्धिजीवी सम्मेलन भी करा रही है, जिसमें पसमांदा समाज से आने वाले बड़े नेता भी शामिल हो रहे हैं. मालूम हो कि पिछले एक सालों के भीतर भाजपा मुसलमानों के लिए तमाम कार्यक्रमों का आयोजन कर चुकी है, जिसमें से एक कार्यक्रम प्रधानमंत्री की मन की बात भी रहा है. मालूम हो कि पीएम मोदी के मन की बात की किताब का उर्दू अनुवाद करके लोगों में वितरित भी किया गया.

वहीं भाजपा ने हाल ही में हुए निकाय चुनाव में 391 मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मैदान में खड़ा किया था, जिसमें भाजपा के 61 मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने जीत भी प्राप्त की. चेयरमैन की 5 सीटों पर भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवारों को ही जीत मिली. इस तरह से भाजपा पासमंदा मुस्लिम परिवारों के दिलों में अपनी जगह बनाने के लिए लगातार उन पर भरोसा कर रही है और उनको साथ लेकर चलने की भी बात कर रही है. वहीं निकाय चुनाव के बाद ही भाजपा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति रहे तारीख को भाजपा कोटे से विधान परिषद का सदस्य चुनकर एक बड़ा संदेश देने का काम किया.

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