14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UCC पर AIMPLB बोला- धार्मिक स्वतंत्रता पर पहुंचाई जा रही चोट, लोगों से विरोध की अपील, क्यूआर कोड जारी

ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूसीसी के खिलाफ अपनी लड़ाई को आम जनता से जोड़ दिया है. बोर्ड ने एक क्यूआर कोड जारी करते हुए लोगों से यूसीसी के विरोध में अपना जवाब देने की अपील की है. साथ ही इसे अपनी आजादी पर हमला करने वाला बताया है.

Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर ऑल इंडिया मु​स्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) सक्रिय हो गया है. बोर्ड ने बुधवार को देश के नागरिकों से समान नागरिक संहिता का विरोध करने की अपील की है. बोर्ड ने इसके लिए एक पत्र भी जारी किया है.

AIMPLB की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि हमारे देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने का माहौल बनाया जा रहा है. अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के इस देश को समान नागरिक संहिता के माध्यम से धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर चोट पहुंचाई जा रही है.

इसी संबंध में भारत के विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के बारे में राय मांगी है. बोर्ड ने कहा कि हमें इस संबंध में बड़े पैमाने पर उत्तर देना चाहिए और समान नागरिक संहिता का विरोध करना चाहिए.

बोर्ड ने एक क्यूआर कोड भी जारी किया है. इसके लेकर कहा कि इससे संबंधित लिंक पर क्लिक करें. इससे जीमेल खुलने पर उत्तर सामग्री सामने आ जाएगी. वहां अपने नाम और सेंड के बटन पर क्लिक कर दें. विधि आयोग को आपका उत्तर पहुंच जाएगा. ये पत्र ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्दीदी के हस्ताक्षर से जारी किया गया है.

Also Read: लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- भिक्षावृत्ति कराने वालों पर हुई कार्रवाई, 101 बच्चों को दिए शैक्षणिक किट

इससे पहले सेंट्रल लॉ कमीशन ने नोटिफिकेशन जारी करके 30 दिन के भीतर यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लोगों से राय मांगी थी, इसमें देश के तमाम लोग और संगठन अपनी राय दे रहे हैं. इसी कड़ी में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विधि आयोग को जवाब देने के लिए ये पहल की है.

कहा जा रहा है कि देशभर से लाखों लोगों ने अभी तक इसे लेकर अपनी राय दी है. इसके अलावा कई हिंदू संगठनों ने भी यूसीसी का समर्थन करते हुए अपने सुझाव लॉ कमीशन को सौंपे हैं. इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी यूनिफॉर्म सिविल कोड को देशहित में नहीं बता चुके हैं.

उन्होंने कहा कि ये सिर्फ मुसलमानों के लिये नहीं बल्कि देश के तमाम धर्म के मानने वालों के लिये नुकसानदेह है. एआईएमपीएलबी की पूरी कोशिश होगी कि समान नागरिक संहिता के लागू होने से रोकने के लिये हर स्तर पर लोकतांत्रिक तरीके से प्रयास किया जाए.

मौलाना रहमानी ने कहा कि समान नागरिक संहिता देश हित में भी नहीं है, क्योंकि भारत विभिन्न धर्मों और विभिन्न संस्कृतियों का एक गुलदस्ता है और यही विविधता इसकी सुंदरता है. अगर इस विविधता को समाप्त कर दिया गया और उन पर एक ही कानून लागू किया गया तो यह आशंका है कि राष्ट्रीय एकता प्रभावित होगी.

मौलाना रहमानी ने कहा कि सरकार के समक्ष समान नागरिक संहिता की प्रस्तावित रूपरेखा कई मामलों में शरियत के पारिवारिक मामलों से टकराती है. ऐसे में धार्मिक नजरिये से मुसलमानों के लिए यह बिल्कुल अस्वीकार्य है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें