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सुल्तानपुर में मछली मारने साथ- साथ नदी में उतरा ग्रामीण डूबा,ग्राम प्रधान के पति की सूझबूझ से बची बेटे की जान

सूचना पर आई पुलिस ने नदी से निकाले गए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. परिवार में कोहराम मचा हुआ है.

By संवाद न्यूज | June 2, 2023 7:36 PM
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लखनऊ (संवाद ) : यूपी के सुल्तानपुर में दर्दनाक हादसा हो गया. जैसा प्रायः होता था, ग्रामीण मछली मारने के लिए अपने बेटे के साथ नदी में उतरा था. अचानक गहरे पानी में वह डूब गया. ग्राम प्रधान के पति के साहस और सूझबूझ से बेटे की जान बच गई. ग्रामीण की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. घटना जिले के मोतिगरपुर थाना क्षेत्र के खैरहा गांव में दियरा राजघाट के पास घटी. सूचना पर आई पुलिस ने नदी से निकाले गए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.सूचना के बाद आनन-फानन में गांव आसपास के गोताखोर नदी में उतरे और घंटे भर की कड़ी मशक्कत के बाद रामचंदन का शव नदी से निकाल लिया.

9 साल के बेटे के साथ नदी में उतरा था रामचंदन निषाद

खैरहा गांव निवासी रामचंदन निषाद (35) अपने बेटे सौरभ (09) के साथ दियरा राजघाट के बगल मछली मारने के लिए गोमती नदी में उतरे थे. गहरे पानी में जाने के कारण पिता-पुत्र दोनों अचानक डूबने लगे. बेटे की गुहार सुनकर गांव के एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने आए दोस्तपुर ब्लॉक की बेलवारे ग्राम पंचायत की प्रधान सुमन वर्मा के पति जितेंद्र वर्मा ने तेजी दिखाई. वह बांस का एक बड़ा टुकड़ा लेकर नदी में उतर गए और काफी मशक्कत के बाद सौरभ को बांस के सहारे किनारे की तरफ खींच लिया. इससे उसकी जान बच गई. उधर, उसके पिता रामचंदन गहरे पानी में डूब गए.

परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा

घटना की सूचना मिलते ही वहां आई पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया.शव का पंचनामा कर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. सौरभ की जान बचाने के लिए जहां लोग प्रधान पति जितेंद्र वर्मा की तारीफ कर रहे हैं. वहीं, रामचंदन को नहीं बचा पाने का भी लोगों को अफसोस है. मृतक रामचंदन के परिवार में माता वंशराजी, पिता रामनगीना, पत्नी कुसुम, बेटी मधू के अलावा सौरभ, गौरव और एक दुधमुंहा बेटा भी है. घटना के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. ग्राम प्रधान सुभाषचंद्र की सूचना पर राजस्वकर्मियों ने भी गांव पहुंचकर घटना की जानकारी एकत्रित की. रामचंदन की मौत के बाद परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है.

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