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अमरमणि त्रिपाठी का डिप्रेशन का बहाना नहीं आया काम, मेडिकल रिपोर्ट के साथ आज पेशी, निधि शुक्ला ने मिली धमकी

कोर्ट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गोरखपुर की ओर से दी गई मेडिकल बोर्ड की आख्या को देखा. इसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर को आदेश दिया कि अमरमणि त्रिपाठी के संबंध में राज्य चिकित्सा परिषद की रिपोर्ट की सत्यापित प्रति नियत तिथि 16 अक्टूबर तक न्यायालय में पेश करें.

By Sanjay Singh | September 16, 2023 8:38 AM
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Lucknow: मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काटने के बाद बीते दिनों रिहा हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं. अमर त्रिपाठी अपनी बीमारी और अन्य कारणों का हवाला देते हुए कोर्ट में पेशी से बच रहे हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश में बस्ती की अदालत ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए अमरमणि त्रिपाठी को शनिवार को पेश होने का आदेश दिया है.

20 वर्ष पुराना है मामला

बस्ती के विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट प्रमोद कुमार गिरि ने 20 वर्ष पुराने राहुल अपहरण कांड मामले में आरोपी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को 16 अक्टूबर को न्यायालय में उपस्थित करने का आदेश दिया है. जिला कारागार गोरखपुर को इस आदेश का अनुपालन करने के लिए निर्देश दिए हैं.

काम नहीं आई डिप्रेशन की दलील

कोर्ट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गोरखपुर की ओर से दी गई मेडिकल बोर्ड की आख्या को देखा. इसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर को आदेश दिया कि अमरमणि त्रिपाठी के संबंध में राज्य चिकित्सा परिषद की रिपोर्ट की सत्यापित प्रति नियत तिथि 16 अक्टूबर तक न्यायालय में पेश करें. मात्र डिप्रेशन के आधार पर किसी अभियुक्त को न्यायालय आने से अवमुक्त नहीं किया जा सकता है.

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गोरखपुर के जेल अधीक्षक को दिया आदेश

कोर्ट ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक गोरखपुर को आदेश दिया कि अभियुक्त अमरमणि त्रिपाठी को 16 अक्टूबर 2023 को न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश करे. इसकी भी आख्या प्रस्तुत करें कि अभियुक्त अमरमणि त्रिपाठी मात्र डिप्रेशन के आधार पर कितने दिन जिला कारागार में निरुद्ध रहे और कितने दिन से अस्पताल में हैं.

कोर्ट ने सीएमओ गोरखपुर को मेडिकल बोर्ड गठित कर पूर्व मंत्री अमरमणि के स्वास्थ्य की जांच कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. सीएमओ गोरखपुर की अध्यक्षता में गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट 11 सितंबर, 2023 के अनुसार, उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिषद के मार्गदर्शन में अमरमणि का इलाज चल रहा है.

इसमें जिक्र किया गया है कि अमरमणि को डिप्रेशन है. विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट बस्ती को इसकी कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई कि अमरमणि सजा माफ होने के कारण गोरखपुर जेल से रिहा होने के साथ गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती हैं. कोर्ट ने जिला कारागार गोरखपुर को निर्देशित किया है कि तय तिथि अमरमणि को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में पेश किया जाए.

2001 में अपहरण का है मामला

विशेष शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि 2001 में कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर के धर्मराज गुप्ता के पुत्र राहुल का अपहरण हो गया था. पुलिस ने राहुल को तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ आवास से बरामद किया था। इस मामले में नौ आरोपी हैं, जिसमें अमरमणि, नैनी शर्मा व शिवम उर्फ राम यज्ञ अदालत से गैरहाजिर चल रहे हैं.

मधुमति शुक्ला की बहन निधि को मिली धमकी! जान का खतरा

इस बीच कवयित्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया है. निधि शुक्ला का कहना है कि उन्हें फोन पर धमकी दी गई है, जिसके बाद उन्होंने सरकार से सुरक्षा की मांग के साथ मुकदमा लड़ने के लिए लोगों से वित्तीय मदद मांगी है.

मधुमिता शुक्ला की साल 2003 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित उनके घर में ही गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. हत्या के वक्त उनके गर्भवती होने की बात भी सामने आई थी. मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को पिछले महीने जेल से रिहा कर दिया गया था.

हर पल डर के साये में जी रहे, भविष्य हो गया बर्बाद

मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी को रिहा करने के फैसले से बेहद व्यथित हैं. निधि ने कहा कि हमने यह मुकदमा लड़ने के अलावा अपनी जिंदगी में कुछ नहीं किया है. इस मामले में मेरी आधी जिंदगी निकल गई है. लेकिन, अगर इसमें मेरी पूरी जिंदगी भी लग जाए तो भी मैं लड़ूंगी. हर पल हम डर के साये में जी रहे हैं, हमारा पूरा भविष्य बर्बाद हो गया है.

अज्ञात नंबर से फोन पर ​दी गई धमकी

निधि शुक्ला का आरोप है कि 25 अगस्त को उन्हें एक अज्ञात नंबर से धमकी भरे कॉल आए थे. वर्ष 2003 से हमारे जीवन का हर पल डर के साथ गुजर रहा है. यह लड़ाई लंबे समय तक चलेगी. इसलिए, मुझे आपके समर्थन की ज़रूरत है. मैं 20 साल की कड़ी मेहनत व्यर्थ होने नहीं दे सकती. हमने अमरमणि को तिहाड़ जेल में बंद करने का अनुरोध किया है. उत्तर प्रदेश जेल विभाग ने राज्य की 2018 की नीति का हवाला देते हुए अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की समय से पहले रिहाई का आदेश जारी किया था, क्योंकि उन्होंने 16 साल की सजा पूरी कर ली है.

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