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अमरमणि त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, रिहाई पर रोक नहीं, मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने की थी अपील

मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की रिहाई का विरोध किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए इसका निस्तारण न होने तक अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की थी. इस पर 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है.

लखनऊ: मधुमिता हत्याकांड के मामले में राज्यपाल के आदेश से रिहा होने वाले अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने त्रिपाठी दंपति की रिहाई पर रोक नहीं लगायी है. वहीं इस मामले में यूपी सरकार से आठ सप्ताह में जवाब मांगा है.

निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में लगायी थी याचिका

मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की रिहाई का विरोध किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए इसका निस्तारण न होने तक अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की थी. इस पर 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है.

Also Read: Explainer : मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी सपत्नी होंगे रिहा, ऐसे मिली माफी ..
राज्यपाल व सीएम योगी से भी रिहाई रोकने की अपील

निधि शुक्ला ने यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि वह त्रिपाठी दंपति की रिहाई रोकें. उनका कहना है कि अगर मेरी हत्या कर दी गयी तो इस केस की पैरवी करने वाला कोई बचेगा नहीं. यूपी में कैसी कानून व्यवस्था है. मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने कहा कि आठ हफ्ते का समय बहुत होता है. अमरमणि ऐसा मास्टरमाइंड है जो 8 हफ्ते में बहुत कुछ मैनेज कर सकता है. हो सकता है वह मेरी हत्या ही करा दे, जिससे कोई पैरवी करने वाला ही ना बचे.

निधि का आरोप अमरमणि कभी जेल नहीं गया

निधि शुक्ला ने कहा कि अधिकारियों ने झूठ बोला है. वह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. निधि शुक्ला ने कहा कि आईटीआई से पता चला है कि 2012 से 2023 तक अमरमणि जेल ही नहीं गया. जब वह जेल ही नहीं गया तो सजा माफी की बातें कहां होती हैं. अच्छा तब होता है जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बात मानी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अमरमणि और मधुमणि को उम्र कैद दी जाए.

सुप्रीम कोर्ट की तारीख से पहले कांड: निधि शुक्ला

क्या उम्रकैद घर पर काटी जाती है. सरकार कभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन ही नहीं करा पायी. अमरमणि कभी जेल ही नहीं गया. हरिद्वार का कैदी मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 15-16 नंबर बेड पर भर्ती था. अब क्या अपराधी जेल से बाहर निकालकर अस्पताल में शिफ्ट हो जाएं. उत्तराखंड के कैदी सब उत्तर प्रदेश में आ जाएं. यह कौन सा अच्छा व्यवहार है. उन्होंने कहा कि सबको मालूम था कि सुप्रीम कोर्ट तारीख है. इसी लिये 24 तारीख की रात को कांड हुआ है.

कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने की निंदा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की रिहाई की निंदा की है. उन्होंने एजेंसी से बातचीत में कहा कि ‘जघन्य अपराध में शामिल लोगों को रिहा नहीं किया जाना चाहिए. इससे समाज में गलत संदेश जाएगा. मैं इस कदम की निंदा करता हूं. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाली पार्टी महिलाओं के खिलाफ अपराध में शामिल लोगों को रिहा कर रही है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.


जेल की नीतियों और कैदियों के आचरण के आधार पर रिहाई: जेल मंत्री

उत्तर प्रदेश सरकार में जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि जेल से कैदियों की रिहाई जेल की नीतियों और जेल के कैदियों के आचरण पर आधारित होती है. राज्यपाल और मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही किसी कैदी की रिहाई के आदेश दिए जाते हैं.

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