Loading election data...

यूपी में एक कॉल पर पशुओं के इलाज के लिए पहुंचेगी एंबुलेंस, सीएम योगी आज 520 वेटरनरी यूनिट को दिखाएंगे हरी झंडी

इन मोबाइल वेटरनरी यूनिट में ऑपरेशन तक की व्यवस्था है. एंबुलेंस से खासकर बड़े पशुओं का उपचार करना आसान है, जिन्हें अस्पताल तक लाना कठिन है. पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण को लेकर इस पहल से पशु पालकों को बेहद लाभ मिलेगा. उनके 1962 ट्रोल-फ्री नंबर पर कॉल करते ही ये एंबुलेंस मौके पर पहुंचेगी.

By Sanjay Singh | March 26, 2023 8:22 AM
an image

Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एंबुलेंस) को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित इस कार्यक्रम में टोल फ्री हेल्पलाइन-1962 का भी शुभारंभ किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश में पशुओं के उपचार के लिए मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट (एंबुलेंस) दौड़ने लगेंगी. टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर एक कॉल करते ही ये पशु के इलाज के लिए तत्काल रवाना हो जाएगी.

योगी आदित्यनाथ सरकार की पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण को लेकर इस पहल से पशु पालकों को बेहद लाभ मिलेगा. उनके 1962 ट्रोल-फ्री नंबर पर कॉल करते ही ये एंबुलेंस मौके पर पहुंचेगी, जिससे पशुओं को समय पर उपचार मिल सकेगा.

प्रदेश में पशु पालन विभाग ने 520 एंबुलेंस सभी जनपदों के लिए खरीदी हैं, जो 1962 टोल फ्री नंबर के जरिए संचालित की जाएंगी. एक एंबुलेंस की कीमत करीब 17 लाख रुपये है, जिसमें ऑपरेशन तक की व्यवस्था है. इन एंबुलेंस से खासकर बड़े पशुओं का उपचार करना आसान है, जिन्हें अस्पताल तक लाना पशु पालकों के लिए कठिन है. यह सेवा टेंडर व अन्य प्रक्रिया न होने के कारण समय पर शुरू नहीं हो पाई थी.

पशु पालन विभाग के प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब आज से इनका संचालन हो जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को जहां कालिदास मार्ग से एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर 1962 सेवा का शुभारंभ करेंगे. वहीं, जिलों में जिलाधिकारी फ्लैग ऑफ कार्यक्रम से जुड़ेंगे. इसके लिए जनपदों में एंबुलेंस भेज दी गई हैं.

Also Read: बेटी की हत्या के बाद कब्रिस्तान में दफनाया शव, अगले कत्ल की थी तैयारी, जानें हत्यारे पिता की पूरी कहानी और वजह
पशु पालन निदेशालय में बनाया गया कंट्रोल रूम

एंबुलेंस का संचालन पांच निजी कंपनियां करेंगी. प्रदेश के 75 जनपदों को लखनऊ, आगरा, गोरखपुर, मेरठ व वाराणसी पांच जोन में बांटा गया है. एक कंपनी को एक जोन दिया गया है. 1962 सेवा का कंट्रोल रूम पशु पालन निदेशालय में बनाया गया है. जहां से पांच कंपनियां जुड़कर कॉल आने पर एंबुलेंस भेजेंगी. एक लाख पशु की संख्या वाले ब्लॉक पर एक एंबुलेंस रहेगी.

Exit mobile version