अमेठी: डॉक्टर ने पेट में छोड़ दी सर्जिकल ब्लेड, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर कमेटी करेगी जांच
ऑपरेशन के बाद मरीज के पेट में दर्द हुआ और उसकी हालत बिगड़ गई. जांच हुई तो पता चला कि पेट में सर्जिकल ब्लेड छूट गई है. मामले की जानकारी उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तक पहुंची. इसके बाद उन्होंने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.
Lucknow: उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद में जिला संयुक्त चिकित्सालय के सर्जन पर ऑपरेशन के दौरान ब्लेड पेट में छोड़ने के गंभीर आरोप लगे हैं. पीड़ित पक्ष ने डॉ. रमेश कुमार पर मरीज के पेट में सर्जिकल ब्लेड छोड़ने और उससे ऑपरेशन के नाम पर धन वसूलने के आरोप लगाए हैं.
इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया और काफी चर्चा होने लगी. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर चार दिनों में जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
पथरी के ऑपरेशन के लिए मांगे रिश्वत
उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद में हीरशाह दुबे का पुरवा, कोरारी निवासी श्यामलाल को पथरी की शिकायत की. पीड़ित ने जिला संयुक्त चिकित्सालय में इलाज कराया. बताया जा रहा है कि अस्पताल में तैनात डॉक्टर रमेश कुमार ने पथरी का ऑपरेशन किया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के नाम पर 10 हजार रुपए रिश्वत मांगी. किसी तरह 7,500 रुपए परिजनों ने दिए, इसके बाद मरीज का ऑपरेशन किया गया.
Also Read: बरेली: अपनों से जंग में उलझी सपा, निकाय चुनाव में टिकट बेचने को लेकर जिलाध्यक्ष-पूर्व विधायक आमने सामने
ऑपरेशन के बाद मरीज के पेट में हुआ दर्द
ऑपरेशन के बाद मरीज के पेट में दर्द हुआ और उसकी हालत बिगड़ गई. जांच हुई तो पता चला कि पेट में सर्जिकल ब्लेड छूट गई है. मामले की जानकारी उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तक पहुंची. इसके बाद उन्होंने तत्काल एक्शन में आते हुए अमेठी के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को निर्देश दिए हैं कि मामले की जांच करें और आरोपों की पुष्टि होने पर सख्त कार्रवाई की जाए.
जांच कमेटी में ये सदस्य नामित
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह मामला गंभीर है. तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है. इसमें गौरीगंज जिला संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी प्रसाद अग्रवाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रामप्रसाद, अमेठी के डॉ. देवेश तिवारी को शामिल किया गया है. दोषी चिकित्सक के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी. एक सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपनी होगी.