Amethi Lok Sabha: अमेठी से लड़ेंगे राहुल गांधी, ऑनलाइन नामांकन पत्र खरीदा गया !

अमेठी लोकसभा सीट (Amethi Lok Sabha) पर कांग्रेस से कौन लड़ेगा, इस सस्पेंस से पर्दा लगभग उठ गया है. 3 मई को नामांकन का अंतिम दिन है.

By Amit Yadav | May 2, 2024 7:55 PM

लखनऊ: अमेठी लोकसभा सीट (Amethi Lok Sabha) से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे. उनके नाम से (Lok Sabha Election 2024) ऑनलाइन नामांकन पत्र खरीदे जाने की जानकारी सामने आई है. शुक्रवार दोपहर वो नामांकन करने अमेठी पहुंचेंगे. 3 मई को अमेठी लोकसभा सीट पर नामांकन की अंतिम तिथि है. पार्टी ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नामांकन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. गौरतलब है कि अमेठी को गांधी परिवार की कर्मभूमि कहा जाता है. इस सीट पर लंबे समय तक गांधी परिवार का कब्जा रहा है. संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और फिर राहुल गांधी ने अमेठी का प्रतिनिधित्व लोकसभा में किया है. अब तक हुए 16 लोकसभा चुनाव और दो उपचुनाव में कांग्रेस ही यहां से जीती है. लेकिन 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस और गांधी परिवार को गहरी चोट देने वाला रहा. राहुल गांधी को यहां से नजदीकी हार का सामना करना पड़ा था.

1967 से कांग्रेस का है दबदबा
1967 से कांग्रेस ने अमेठी (Amethi Lok Sabha) से जीत का सिलसिला शुरू किया था. तब वीडी वाजपेयी यहां से जीते थे. इसके बाद 1971 में कांग्रेस और 1977 भारतीय लोकदल यहां से चुनाव जीता था. 1980 में यहां से संजय गांधी चुनाव मैदान में उतरे. उन्होंने जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह को एक 1.28 लाख वोटों से हराया था. 1984 में राजीव गांधी को ये पारंपरिक सीट दी गई. उनको चुनौती देने के लिए संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप सामने थीं. लेकिन अमेठी की जनता ने एकतरफा राजीव गांधी के खाते में जीत डाल दी. 1989 और 1991 में राजीव गांधी यहां से संसद पहुंचे थे. 1996 में कांग्रेस से सतीश शर्मा सांसद बने.

कांग्रेस को 1998 में लगा था पहला बड़ा झटका
कांग्रेस को अमेठी से पहली बार बड़ा झटका बीजेपी ने 1998 में दिया. तब यहां से अमेठी राजपरिवार के संजय सिंह ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के सतीश शर्मा को लगभग 23 हजार वोटों से हराया था. 1999 में यहां सोनिया गांधी की एंट्री हुई. उन्होंने बीजेपी से फिर ये सीट छीन ली. इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में राहुल गांधी ने अपने परिवार की इस सीट को बरकरार रखा. 2014 के चुनाव में राहुल गांधी ने बीजेपी की स्मृति ईरानी को हराया था. लेकिन इसके बाद स्मृति ईरानी लगातार अमेठी में बनी रहीं और उन्होंने 2019 में कांग्रेस की इस पारंपरिक सीट पर कमल खिला दिया था.

एक नजर अमेठी लोकसभा सीट पर
अमेठी (Amethi Lok Sabha) राजघराने के वारिस पूर्व सांसद संजय सिंह हैं. ये राजघराना कभी गांधी परिवार का खास हुआ करता था. लेकिन अब बीजेपी से नजदीकियां हैं. यहां चार विधानसभा सीटें अमेठी, गौरीगंज, तिलोई, जगदीशपुर (सु.) हैं. 2022 के चुनाव में यहां से कांग्रेस एक भी विधान सभा सीट नहीं जीत पाई थी. दो सीटें बीजेपी और 2 सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं. वहीं 2017 में बीजेपी ने 3 सीटें जीती थीं. रायबरेली के अलावा अमेठी भी एक ऐसी सीट हैं जहां से समाजवादी पार्टी लोकसभा में अपना प्रत्याशी नहीं उतारती है.

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