Tiger In Trouble: दुधवा में एक घायल बाघ और मिला, रेस्क्यू करके शुरू किया जाएगा इलाज

यूपी में तीन टाइगर रिजर्व हैं. ये हैं दुधवा नेशनल पार्क, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व और पीलीभीत टाइगर रिजर्व. चौथा टाइगर रिजर्व रानीपुर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में बनाने की तैयारी है. लेकिन बीते डेढ़ माह में दुधवा टाइगर रिजर्व के तीन बाघ और एक तेंदुए की अचानक मौत हो गयी.

By Amit Yadav | June 12, 2023 2:29 PM

लखनऊ: यूपी के टाइगर रिजर्व के बाघ खतरे में हैं. दुधवा नेशनल पार्क में बाघों के मरने के मामले के बाद अब कतर्नियाघाट में एक घायल बाघ मिला है. यह बाघ लंगड़ाकर चल रहा है. अब इस बाघ को रेस्क्यू करके इलाज किया जाएगा. बाघ को ट्रैंकुलाइज करने की अनुमति मिल गयी है. जल्दी ही उसके रेस्क्यू की तैयारी की जाएगी.

स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स भी रख रही बाघों पर नजर

अब एक और बाघ की लंगड़ाकर चलने की जानकारी मिलने के बाद उसके मिलने के संभावित स्थानों पर नजर रखी जा रही है. वन विभाग के फील्ड स्टाफ के साथ-साथ स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (STPF) के जवानों को भी बाघों पर नजर रखने के काम में लगाया गया है. जिससे किसी भी तरह की अनहोनी का रोका जा सके.

Also Read: UP News: योगी सरकार ने बाघों की मौत पर लिया बड़ा एक्शन, फील्ड डायरेक्टर समेत हटाए गए कई कर्मचारी
तीन टाइगर रिजर्व यूपी में

यूपी में तीन टाइगर रिजर्व हैं. ये हैं दुधवा नेशनल पार्क, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व और पीलीभीत टाइगर रिजर्व. चौथा टाइगर रिजर्व रानीपुर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में बनाने की तैयारी है. लेकिन दु:खद यह है कि बीते डेढ़ माह में दुधवा टाइगर रिजर्व के तीन बाघ और एक तेंदुए की अचानक मौत हो गयी.

मीडिया में खबर आने के बाद जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लिया तो वन विभाग के अधिकारियों ने जांच पड़ताल शुरू की. बाघों का पोस्टमार्टम किया गया, तो पता चला कि बाघा भूखे थे. बाघ क्यों भूखे थे इसका पता नहीं चल पाया है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की तीन सदस्यीय टीम भी बाघों की मौत की जांचकर रही है.

IVRI ने बताया सिर की चोट से हुई मौत

उधर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) ने की रिपोर्ट के अनुसार पोस्टमार्टम में बाघ की मौत का कारण किसी बड़े जानवर के हमले से हुई है. उसके सिर में काफी चोट थी और चोट पुरानी होने के कारण सिर में, पेट की आंतों तक कीड़े पहुंच गए थे. इस बाघ की उसकी उम्र 6 से 7 वर्ष के बीच थी. वह पूरी तरह से स्वस्थ था, लेकिन जानवर के हमले से लगी चोट के कारण 4 से 5 दिन पहले ही मर चुका था. उसके पंजे और दांत भी पूरे थे.

आपसी संघर्ष भी हो सकता है मौत का कारण

दुधवा टाइगर रिजर्व में 10 दिन में 3 बाघ और दक्षिण खीरी वन प्रभाग में एक तेंदुए की मौत हुई है. इन सभी की मौत के पीछे आपसी संघर्ष को भी एक कारण माना जा रहा है. लेकिन यह भी सही है कि वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने बाघों की देख-रेख में लापरवाही की है. बाघों की मौत के चार-पांच दिन बाद जब बदबू फैली तब वन विभाग के कर्मचारियों को इसकी जानकारी हो पायी.

Next Article

Exit mobile version