UP News: रिश्वतखोर दरोगा को जब एसीओ ने रंगे हाथ पकड़ा, तो भीड़ देख चिल्लाया- अरे मेरा अपहरण हो रहा है मदद करो
एंटी करप्शन टीम ने यूपी पुलिस के एक रिश्वतखोर दरोगा को चौकी से खींचकर ले जा रही थी, भीड़ को देखकर अचानक चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाने लगा. दरोगा बार-बार अपना अपहरण किए जाने की बात कर रहा था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
लखनऊ में शनिवार को एंटी करप्शन टीम ने यूपी पुलिस के एक रिश्वतखोर दरोगा को चौकी से खींचकर ले जा रही थी, भीड़ को देखकर अचानक चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाने लगा. दरोगा बार-बार अपना अपहरण किए जाने की बात कर रहा था. 4-5 लोग उसे पकड़े हुए थे और घसीटते हुए अपने साथ ले जा रहे थे. दरोगा पूरी ताकत लगाकर पकड़ से भागने की कोशिश करता रहा था. इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. दरअसल, लखनऊ में बंथरा की हरौनी चौकी का प्रभारी 2019 बैच का राहुल त्रिपाठी को शनिवार को एंटी करप्शन टीम (एसीओ) ने उसे एक दुष्कर्म केस में होटल मालिक को डरा-धमकाकर 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था. दरोगा के खिलाफ पीजीआई थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.
दरोगा राहुल त्रिपाठी देवरिया का रहने वाला है. कुछ महीने पहले ही बंथरा की हरौनी चौकी का प्रभारी बनाया गया. इससे पहले वह मोहनलालगंज कोतवाली में तैनात था. एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक नूरुल हुदा खान ने बताया कि बुद्धेश्वर के रहने वाले एक होटल मालिक विनोद कुमार ने दरोगा के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत की थी. शनिवार शाम दरोगा ने विनोद को पैसे लेकर बुलाया था. जैसे ही विनोद चौकी के अंदर गए. इसके बाद एंटी करप्शन टीम भी पीछे से पहुंच गई. रिश्वत लेते हुए दरोगा को रंगे हाथों पकड़ लिया. इसके बाद उसे चलने के लिए कहा. लेकिन वह साथ चलने को तैयार नहीं हुआ. इसके बाद उसे खींचकर चौकी से बाहर लाया गया. इस दौरान वह खुद को छुड़ाने की लगातार कोशिश करता रहा.
एंटी करप्शन की टीम ने ही इस पूरी घटना का वीडियो बनाया है. टीम के मुताबिक, दरोगा को जैसे ही पता चला कि एंटी करप्शन की टीम ने उसे ट्रैप कर लिया तो वह बिफर गया. चौकी से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं हुआ. फिर भागने की कोशिश करने लगा. टीम उसे पकड़कर लाने लगी तो चौकी के कुछ सिपाहियों ने दरोगा को बचाने की कोशिश की. लेकिन, एंटी करप्शन टीम ने उनको अलग कर दिया. एंटी करप्शन टीम के मुताबिक, 28 अगस्त को बंथरा थाने में एक किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने की एफआईआर दर्ज हुई. इसकी जांच दरोगा राहुल त्रिपाठी कर रहा था. उसने जांच के बाद इस केस में दुष्कर्म की धाराएं बढ़ाई. मामले में आरोपी विशाल रावत समेत एक अन्य को जेल भेज दिया. दुष्कर्म एमएफ टॉवर स्थित एक होटल में हुआ था. ऐसे में इस मामले में दरोगा ने होटल मालिक विनोद कुमार से कई बार पूछताछ की.
लखनऊ में एंटी करप्शन टीम ने हरौनी चौकी में तैनात दरोगा को दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथो दबोचा। pic.twitter.com/Fo0vu74GcK
— Sandeep Kumar Mishra (@RT_Sandeep) November 5, 2023
दरोगा ने होटल मालिक विनोद से कहा कि उनके होटल में दुष्कर्म हुआ है. ऐसे में वह भी धारा-368 (किसी अगवा शख्स को जानबूझकर पनाह देना) के तहत आरोपी बनाए जाएंगे. आरोपी न बनाए जाने की एवज में विनोद से 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी. होटल मालिक विनोद ने एंटी करप्शन की टीम को इसकी जानकारी दी. इसके बाद टीम ने दरोगा को रंगे हाथ दबोचने के लिए जाल बिछाया.
पहले भी खाकी पर दाग लगा चुके पुलिसकर्मी13 जून 2023 को बीकेटी थाने में तैनात दरोगा प्रदीप पांडेय को 13 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था.
19 जुलाई 2022 को सिपाही राहुल शुक्ल पीड़ित से पांच हजार रुपये रिश्वत लेते दबोचा गया था.
15 जुलाई 2022 को सैरपुर के बैरामऊ चौकी प्रभारी योगेश सिंह को सात हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया था.
15 जून 2022 को चिनहट कोतवाली के दारोगा प्रदीप कुमार 10 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था.
06 नवंबर 2019 को इटौंजा के सिपाही कपिल को पांच हजार रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने दबोचा था.
30 दिसंबर 2021 को बिजनौर थाने का दरोगा राधेश्याम यादव रिटायर्ड डीएसपी से पांच हजार रुपये घूस लेते पकड़ा गया था.