कुर्मियों की सबसे बड़ी नेता बनकर उभरीं अनुप्रिया पटेल, बीजेपी की जीत में निभायी अहम भूमिका

कुर्मी समाज के बीच अनुप्रिया पटेल के बढ़ते कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने पार्टी के प्रत्याशियों के साथ कुर्मी बहुल इलाकों में बीजेपी के लिए भी प्रचार किया, जिसका असर परिणाम में भी दिखाई दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | March 18, 2022 4:23 PM

UP Election Results 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने 255 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए पूर्ण बहुमत हासिल किया. माना जा रहा है कि होली के बाद योगी सरकार 2.0 का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जायेगा. इस चुनाव में बीजेपी की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) को 12 सीटों पर जीत मिली, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल कुर्मियों की सबसे बड़ी नेता के रूप में उभर कर सामने आई हैं.

ओबीसी वोटरों पर बीजेपी का रहा खास फोकस

यूपी की सियासत अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है. बहुजन समाज पार्टी के कमजोर होने के बाद बीजेपी ने गैर यादव ओबीसी वोटरों पर अपना खास फोकस किया और उन्हें साधने की हर संभव कोशिश की. इसी का परिणाम है कि उसने जहां 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की, वहीं 2017 के बाद अब 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पूर्ण बहुमत हासिल किया.

Also Read: UP Election 2022: अनुप्रिया पटेल का सपा गठबंधन पर पलटवार, बोलीं- 10 मार्च को वोटर्स देंगे ‘करारा जवाब’
अपना दल ने बसपा-कांग्रेस को छोड़ा पीछे

यूपी में यादवों के बाद ओबीसी में सबसे बड़ी आबादी कुर्मी समाज की है. इनकी संख्या करीब 6 फीसदी है. इस बार के विधानसभा चुनाव में अपना दल (सोनेलाल) यूपी की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आयी है. उसने सीटों के मामले में बसपा और कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया.

Also Read: UP Election 2022: अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल का दावा- इस बार बीजेपी गठबंधन की जीत तय
अपना दल ने 2022 के चुनाव में 12 सीटों पर दर्ज की जीत

अगर बात 2012 के विधानसभा चुनाव की करें तो उस समय बीजेपी ने अपना दल (एस) को दो सीटें दी थी, जिसमें पार्टी ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2017 में बीजेपी ने अपना दल को 11 सीटें दी, जिसमें से उसने 9 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं, इस बार के चुनाव में गठबंधन के तहत बीजेपी ने अपना दल को 17 सीटें दी, जिसमें से उसने12 सीटों पर जीत दर्ज की.

ओबीसी से जुड़े मुद्दे उठाती रहीं हैं अनुप्रिया पटेल

अपना दल (एस) को जिन 12 सीटों पर जीत मिली, उसमें मानिकपुर, विश्वनाथ गंज, घाटमपुर, कायमगंज, मऊरानीपुर, बारा, बिंदकी, छानबे, रोहनिया, नानपारा, सूरतगढ़ और मड़ियाहूं शामिल है. अनुप्रिया पटेल अक्सर ओबीसी के मुद्दे उठाती रही हैं. उन्होंने शिक्षक भर्ती में ओबीसी के आरक्षण का मुद्दा उठाया, जिसका असर भी हुआ. वहीं, नीट में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाकर इसे लागू करवाने में अनुप्रिया पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई .इसके अलावा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलवाने में उनकी अहम भूमिका रही.

अनुप्रिया पटेल ने की जाति जनगणना कराने की मांग 

अनुप्रिया पटेल ने पिछड़ा वर्ग मंत्रालय बनाए जाने और जाति जनगणना कराने की भी मांग की. उन्होंने विश्वविद्यालयों में 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम को दोबारा लागू कराने में अहम भूमिका निभाई. अनुप्रिया ने अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन की भी मांग की.

 बीजेपी की जीत में अनुप्रिया पटेल ने निभायी अहम भूमिका

कुर्मी समाज के बीच अनुप्रिया पटेल के बढ़ते कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने पार्टी के प्रत्याशियों के साथ कुर्मी बहुल इलाकों में बीजेपी के लिए भी प्रचार किया, जिसका असर परिणाम में भी दिखाई दिया. ज्यादातर कुर्मी बहुल इलाकों में बीजेपी और उसके गठबंधन को जीत मिली. अनुप्रिया ने 70 से अधिक कुर्मी और ओबीसी बहुत सीटों पर बीजेपी के लिए प्रचार किया.

Posted By: Achyut Kumar

Next Article

Exit mobile version