अनुराग ठाकुर का अखिलेश यादव से सवाल- जब लैपटॉप चलाना आता है तो डिजिटल कैंपेन से क्यों डर रहे?
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोशल मीडिया पर इत्र कारोबारियों के साथ अखिलेश यादव की वायरल हो रही फोटो का जिक्र करते हुए पूछा कि सपा सुप्रीमो बताएं उनके इत्र वाले का मित्र कौन है? जब इत्र वाले के घर छापा पड़ा तो दर्द किसे हुआ?
UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी बयानबाजी तेज हो चुकी है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर तंज कसा. अनुराग ठाकुर ने कहा कि अखिलेश यादव ईवीएम के बाद डिजिटल चुनाव कैंपेन पर भी सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि जब अखिलेश यादव को लैपटॉप चलाना आता है तो वो डिजिटल कैंपेन से क्यों पीछे भाग रहे हैं? उन्हें हार का डर क्यों सताने लगा है?
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोशल मीडिया पर इत्र कारोबारियों के साथ अखिलेश यादव की वायरल हो रही फोटो का जिक्र करते हुए पूछा कि सपा सुप्रीमो बताएं उनके इत्र वाले का मित्र कौन है? जब इत्र वाले के घर छापा पड़ा तो दर्द किसे हुआ? अनुराग ठाकुर ने कहा कि इत्र की नहीं, उनके भ्रष्टाचार की बदबू है.
एक इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री और यूपी चुनाव अभियान सह प्रभारी अनुराग ठाकुर ने अखिलेश यादव को निशाने पर रखा. अनुराग ठाकुर ने अखिलेश के दावों को हवा-हवाई बताते हुए कहा कि यूपी में दंगाइयों, माफियाओं के खिलाफ जो कार्रवाई चल रही है, वो मार्च में बीजेपी की सरकार बनने के बाद भी जारी रहेगी. केंद्रीय मंत्री ने अखिलेश यादव के बिजली बिल पर दिए बयान को लेकर कहा कि अखिलेश जी कह रहे हैं वो बिजली का बिल माफ करेंगे, अरे उनके जमाने में तो बिजली ही नहीं आती थी?
अनुराग ठाकुर ने इत्र कारोबारियों के यहां पड़े आयकर छापों पर भी अपनी बातें रखी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब इत्र वाले के घर पर छापा पड़ा तो दर्द किसे हुआ? जब इत्र वाले पर इनकम टैक्स ने छापा मारा तब अखिलेश जी ने इत्र वाले का साथ दिया, इनकम टैक्स वालों का साथ नहीं दिया. डिजिटल चुनावी कैंपेन पर भी ठीकरा फोड़ रहे हैं, जैसे पहले ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ते थे. केंद्रीय मंत्री ने कहा अखिलेश जी को हार का डर सता रहा है, इसीलिए वो डिजिटल कैंपेन पर भी दोष मढ़ रहे हैं.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि हार का डर उस लाल रंग को सता रहा है जो कई लोगों के खून से जुड़ा है. वो गरीब की रोटी उनकी जमीन छीनते रहे. अखिलेश सरकार में गुंडाराज, माफिया राज को संरक्षण देने का काम होता था, यह डर लोगों के जेहन में है. भ्रष्टाचार का पैसा पकड़ा जाता है उस पर अखिलेश यादव कोई साफ टिप्पणी नहीं कर पाते हैं. दूसरे राजनीतिक दल कुछ नहीं कहते हैं. लेकिन, अखिलेश यादव जी को दर्द होता है. हमने जब आवास दिए तो कभी नहीं पूछा कि उस लाभुक का धर्म क्या है? राशन दिया तब भी नहीं पूछा कि उसकी जाति क्या है? शौचालय दिए तो भी उसका धर्म नहीं पूछा? बीजेपी सरकार ने हिंदुस्तान के लोगों को उनका हक दिलाने का काम किया है.
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