असद और गुलाम के एनकाउंटर की भी जांच करेगा न्यायिक आयोग, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले योगी सरकार का फैसला
अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम की झांसी में हुई मुठभेड़ की जांच दो सदस्यीय न्यायिक आयोग के हवाले कर दी गई है. इस एनकाउंटर को लेकर भी लगातार सवाल उठाए जा रहे थे. अब सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को होने वाली सुनवाई से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह कदम उठाया.
Asad-Ghulam Encounter: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन के बाद अब असद अहमद और शूटर गुलाम के केस में भी प्रदेश सरकार ने ये कदम उठाया है.
अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम की झांसी में हुई मुठभेड़ की जांच दो सदस्यीय न्यायिक आयोग के हवाले कर दी गई है. इस एनकांउटर को लेकर भी लगातार सवाल उठाए जा रहे थे. अब सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को होने वाली सुनवाई से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह कदम उठाया. उमेश पाल हत्याकांड में सीसीटीवी फुटेज में असद और गुलाम वारदात के दौरान दिखाई दिए थे. इसके बाद दोनों एसटीएफ और पुलिस को लगातार चकमा दे रहे थे. काफी दिनों में इनकी लोकेशन झांसी में मिली और दोनों मुठभेड़ में मारे गए.
प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा को आयोग का अध्यक्ष, जबकि पूर्व डीजी विजय कुमार गुप्ता को सदस्य बनाया है. आयोग के जल्द ही झांसी जाकर मामले की जांच शुरू करने की बात कही जा रही है. इस दौरान आयोग के सदस्य घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे और परखेंगे कि मुठभेड़ को लेकर पुलिस ने एफआईआर में जो बातें कही हैं, वह पूरी तरह से सच है या नहीं.
बुंदेलखंड के झांसी जनपद में बड़ागांव थानाक्षेत्र स्थित पारीछा बांध के पास 13 अप्रैल को एसटीएफ ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था. दोनाें के पास से अत्याधुनिक पिस्टल भी बरामद की गई थी. एनकाउंटर के बाद झांसी के जिलाधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट अंकुर श्रीवास्तव को मजिस्टीरियल जांच सौंप चुके हैं, जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है. अब न्यायिक आयोग भी मामले की गहराई से पड़ताल करेगा.
प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन के बाद अब असद अहमद और शूटर गुलाम के केस में भी प्रदेश सरकार ने ये कदम उठाया है.
अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम की झांसी में हुई मुठभेड़ की जांच दो सदस्यीय न्यायिक आयोग के हवाले कर दी गई है. इस एनकांउटर को लेकर भी लगातार सवाल उठाए जा रहे थे. अब सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को होने वाली सुनवाई से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह कदम उठाया. उमेश पाल हत्याकांड में सीसीटीवी फुटेज में असद और गुलाम वारदात के दौरान दिखाई दिए थे. इसके बाद दोनों एसटीएफ और पुलिस को लगातार चकमा दे रहे थे. काफी दिनों में इनकी लोकेशन झांसी में मिली और दोनों मुठभेड़ में मारे गए.
प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा को आयोग का अध्यक्ष, जबकि पूर्व डीजी विजय कुमार गुप्ता को सदस्य बनाया है. आयोग के जल्द ही झांसी जाकर मामले की जांच शुरू करने की बात कही जा रही है. इस दौरान आयोग के सदस्य घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे और परखेंगे कि मुठभेड़ को लेकर पुलिस ने एफआईआर में जो बातें कही हैं, वह पूरी तरह से सच है या नहीं.
बुंदेलखंड के झांसी जनपद में बड़ागांव थानाक्षेत्र स्थित पारीछा बांध के पास 13 अप्रैल को एसटीएफ ने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था. दोनाें के पास से अत्याधुनिक पिस्टल भी बरामद की गई थी. एनकाउंटर के बाद झांसी के जिलाधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट अंकुर श्रीवास्तव को मजिस्टीरियल जांच सौंप चुके हैं, जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है. इसके लिए लोगों से अपील की गई थी कि यदि कोई घटना के संबंध में किसी तरह की जानकारी या साक्ष्य देना चाहता है तो तीन दिन के भीतर उपलब्ध करा सकता है. ये वक्त पूरा हो चुका है. अब न्यायिक आयोग भी मामले की गहराई से पड़ताल करेगा..