लखनऊ : जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राज्य में राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदलते दिख रहे हैं. असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने अब समाजवादी पार्टी (SP) के साथ गठबंधन की शर्त रखी है. एआईएमआईएम वर्तमान में ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा है जिसमें भारतीय वंचित समाज पार्टी, भारतीय मानव समाज पार्टी, जनता क्रांति पार्टी (आर) और राष्ट्र उदय पार्टी जैसे घटक दल हैं.
एआईएमआईएम की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि अगर समाजवादी पार्टी, भागीदारी संकल्प मोर्चा के किसी एक मुस्लिम विधायक को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार होती है तो वह अखिलेश यादव की पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं. शौकत अली ने यह भी कहा कि ओवैसी अगस्त में उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे. इस बारे में वे आगे बात कर सकते हैं.
ओवैसी ने इस महीने की शुरुआत में बहराइच और उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों का दौरा किया और राज्य के लिए एक नये पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया. उन्होंने बताया कि ओवैसी के अगस्त के दौरे के दौरान प्रयागराज, फतेहपुर और कौशांबी जाने की उम्मीद है. उनके मुसलमानों, दलितों, पिछड़े वर्ग के लोगों और डॉक्टरों और इंजीनियरों जैसे पेशेवरों के साथ बैठक करने की संभावना है.
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शौकत अली ने आगे कहा कि एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में एक सांगठनिक ढांचा तैयार किया है. अली ने कहा कि सभी 75 जिलों में पार्टी इकाइयां और संबंधित प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रोकना है तो भागीदारी मोर्चा को सपा विज्ञापन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ना होगा. यह राज्य में 20 फीसदी मुस्लिम वोटों को मजबूत करने में मदद करेगा.
एआईएमआईएम नेता ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार किया करते हुए उसे “डूबता हुआ जहाज” कहा. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) का भी उत्तर प्रदेश में कोई आधार नहीं है. ओवैसी ने पहले घोषणा की थी कि एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. एआईएमआईएम प्रमुख ने पिछले महीने एक चुनौती दी थी कि वह उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता में वापस नहीं आने देंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनौती स्वीकार की और कहा कि उनकी पार्टी 300 से अधिक सीटें जीतकर राज्य में सरकार बनायेगी.