Assem Arun Kannauj Election Result 2022: असीम अरुण पहले प्रयास में ही बने विधायक, 6 हजार वोटों से जीते

Assem Arun Kannauj Election Result 2022: बदायूं जिले में जन्मे असीम अरुण मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले हैं. उनके पिता श्रीराम अरुण दो बार डीआईजी रहे हैं. पिता से प्रेरणा लेकर ही उन्होंने पुलिस सेवा में आने का फैसला लिया.

By Prabhat Khabar News Desk | March 10, 2022 5:56 PM

Kannauj Election Result 2022: कन्नौज सदर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी असीम अरुण ने 6,362 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. असीम अरुण को कुल 1 लाख 20 हजार 555 वोट मिले. वहीं, सपा प्रत्याशी अनिल कुमार दोहरे को 1,14,193 मत मिले थे.

पिता से मिली पुलिस सेवा में आने की प्रेरणा

बदायूं जिले में जन्मे असीम अरुण मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले हैं. उनके पिता श्रीराम अरुण दो बार डीआईजी रहे हैं. पिता से प्रेरणा लेकर ही उन्होंने पुलिस सेवा में आने का फैसला लिया. श्रीराम अरुण उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक भी रहे. उनकी माता शशि अरुण जानी मानी लेखिका और समाजसेविका भी रही. उनकी शुरुआती पढ़ाई सेंट फ्रांसिस स्कूल से हुई. इसके बाद दिल्ली के सेंसिविटी कॉलेज से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की.

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1994 बैच के आईपीएस अधिकारी

असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी है. भारतीय पुलिस सेवा में आने का बाद वह कई जिलों में तैनात रहे. टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड से लेकर बलरामपुर, हाथरस, सिद्धार्थ नगर, अलीगढ़, गोरखपुर और आगरा में बतौर पुलिस अधीक्षक एवं उप पुलिस महानिरीक्षक के पद पर उन्होंने सेवाएं दी. इसके बाद कुछ दिनों के लिए वह स्टडी रिलीफ में विदेश चले गए. उसके बाद उन्होंने एटीएस, उत्तर प्रदेश का प्रभार संभाला. वह वाराणसी जोन के आईजी भी रहे. इसके बाद वह ATS के आईजी भी बनाये गए.

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1994 बैच के आईपीएस अधिकारी असीम अरुण प्रदेश के अलग-अलग जिलों के कप्तान, डीआईजी के अलावा एटीएस के मुखिया और एडीजी भी रहे हैं. पुलिस की स्वाट टीम के गठन का श्रेय भी उन्हीं को जाता है.

असीम अरुण ने आईएसआईएस के आतंकवादी सैफुल्लाह का एनकाउंटर ऑपरेशन को लीड किया था. सैफुल्लाह कानपुर का रहने वाला था. असीम अरुण को जानकारी मिली थी कि वह लखनऊ के ठाकुरगंज में छिपा हुआ है. यह पूरा घटनाक्रम पिछले यूपी चुनाव के बिल्कुल आखिरी में 8 मार्च 2017 में हुआ था. 22 साल के सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद मिशन लगभग 12 घंटे तक चला था. असीम अरुण तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा में भी शामिल रहे. वह एसपीजी में क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPG) का भी नेतृत्व कर चुके हैं.

असीम अरुण के नेतृत्व में कमांडर ने सैफुल्लाह को सरेंडर करने को कहा, लेकिन सैफुल्लाह ने सरेंडर नहीं किया और सुरक्षा टीम पर गोलीबारी जारी रही. जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया गया. एनकाउंटर के बाद सैफुल्लाह के पास से आईएसआईएस का झंडा भी मिला था.

Posted By: Achyut Kumar

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