अतीक अहमद और अशरफ के हमलावरों को खतरा! प्रयागराज से प्रतापगढ़ जेल स्थानांतरित किए गए तीनों आरोपी
पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर के अनुसार हमीरपुर के सनी (23), बांदा के लवलेश तिवारी (22) और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य (18) को प्रशासनिक आधार पर प्रयागराज की केंद्रीय कारागार से जिला जेल प्रतापगढ़ स्थानांतरित किया गया है.
लखनऊ. माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीन आरोपियों को सोमवार को प्रयागराज की केंद्रीय जेल से प्रतापगढ़ जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर के अनुसार हमीरपुर के सनी (23), बांदा के लवलेश तिवारी (22) और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य (18) को प्रशासनिक आधार पर प्रयागराज की केंद्रीय कारागार से जिला जेल प्रतापगढ़ स्थानांतरित किया गया है. तीनों को दोपहर 12 बजे प्रयागराज से ले जाया गया और दोपहर 2.10 बजे प्रतापगढ़ में प्रवेश किया.
तीनों शूटरों को कड़ी सुरक्षा के बीच भेजा गया प्रतापगढ़
अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड के तीनों शूटरों को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रतापगढ़ भेजा गया. बताया जा रहा है कि प्रयागराज की नैनी जेल में अतीक अहमद का बेटा अली अहमद भी बंद है. इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर तीनों आरोपियों को प्रतापगढ़ जिला कारागार में शिफ्ट किया गया. बता दें कि लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य 15 अप्रैल की रात अतीक और अशरफ की उस वक्त हत्या कर दी थी, जब उन्हें मेडिकल जांच के बाद अस्पताल से वापस लाया जा रहा था. इस हत्याकांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है. आयोग दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट यूपी प्रशासन को सौंपेगी.
Also Read: जालौन में BA के पेपर देकर लौट रही छात्रा की बीच बाजार में हत्या, बाइक सवार दो युवकों ने मारी गोली
नैनी जेल में था खतरा
बताया जा रहा है कि तीनों शूटरों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. इन तीनों की जेल बदलने का कारण सुरक्षा बतायी जा रही है. हालांकि इससे पहले जब इन्हें नैनी जेल लेकर आया गया था. उस समय जेल प्रशासन ने इनकों कैसे सुरक्षित रखा जाए, इसके लिए जेल अधिकारियों ने घंटों बैठक कर कार्ययोजना तैयार की थी. इसके बाद इनको शिफ्ट करना ही बेहतर समझा गया. क्योंकि जेल के अंदर अतीक के बेटे के साथ समर्थक व गुर्गों में हत्या के बाद से आक्रोश है. वह हत्यारोपियों को नुकसान पहुंचने का पूरा प्रयास करेंगे. इस बात की आशंका हमेशा बनी हुई थी.