अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता अभी तक नहीं पकड़ी गयी, कब्र पर चुपचाप फूल चढ़ाकर छिपी तो पुलिस ने तेज की खोज

पुलिस ने गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की गिरफ्तारी के प्रयास पिछले 48 घंटों में और तेज कर दिए गए हैं. पुलिस टीमें प्रयागराज और पड़ोसी कौशांबी जिलों के विभिन्न इलाकों और गांवों में उसके रिश्तेदारों के घरों में छापेमारी कर रही हैं. सभी संभावित ठिकानों को खंगाला जा रहा है.

By अनुज शर्मा | April 19, 2023 10:29 PM
an image

लखनऊ. वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा कर्मियों की हत्या में फरार शाइस्ता परवीन अभी तक नहीं पकड़ी गयी है. चर्चा है कि बेटे असद की कब्र पर शाइस्ता परवीन अतीक की बहन आयशा नूरी के साथ छिपकर गयी थी. पुलिस को भनक लगी कि कि वह असद की कब्र पर फूल चढ़ाने शनिवार की सुबह एम्बुलेंस वैन से जंगल के रास्ते से कब्रिस्तान पहुंची तो यूपी STF ने शाइस्ता परवीन और आयशा नूरी की तलाश तेज कर दी. बीते 48 घंटे से चल रही छापेमारी इस बात की तस्दीक करती नजर आती है. पुलिस अधिकारियों का मानना ​​है कि अतीक अहमद और उसके छोटे भाई खालिद अज़ीम (अशरफ) की हत्या के साथ-साथ 13 अप्रैल को झांसी में यूपी एसटीएफ के साथ अतीक के बेटे असद अहमद की मुठभेड़ में मौत हो गई है. अब शाइस्ता ही है जो 24 फरवरी को वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस गार्डों की हत्या की योजना का विस्तार से खुलासा कर सकती है.

बरेठा, मरियाडीह, हटवा , राजरूपपुर, चकिया, बमरौली में छापा

उमेश पाल हत्याकांड के नामजद आरोपियों में से एक शाइस्ता 24 फरवरी को हुई हत्याओं के बाद से फरार है. उसके सिर पर 50,000 रुपये का इनाम है. शाइस्ता 15 अप्रैल को कसारी मसारी कब्रिस्तान में बेटे असद तथा 16 अप्रैल को पति और बहनोई के अंतिम संस्कार में शामिल होने में विफल रहीं. उसने अभी तक अदालत के सामने आत्मसमर्पण भी नहीं किया है. कौशांबी जिले के बरेठा, मरियाडीह और हटवा इलाकों में शाइस्ता परवीन की तलाश में पुलिस टीमों ने छापेमारी की. साथ ही प्रयागराज के राजरूपपुर, चकिया, कसारी मसारी और बमरौली इलाके में पुलिस दबिश दे रही है. प्रयागराज के कसारी मसरी इलाके में साहिस्ता के पिता मोहम्मद हारून के घर की भी तलाशी ली गई .

तलाश में ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों से भी संपर्क कर रही पुलिस

एक अधिकारी ने बताया कि अतीक परिवार के के कई करीबी रिश्तेदारों से भी उनके ठिकाने के बारे में पूछताछ की जा रही है. शाइस्ता को आखिरी बार प्रयागराज में एक टैक्सी में देखा गया था, पुलिस ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों से भी संपर्क कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि उनके पास कोई सुराग है या नहीं. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि शाइस्ता अपने आपराधिक कृत्यों में अतीक का समर्थन करती रही है. उसने उमेश पाल को खत्म करने की साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

फर्ती पता से एक एडवांस राइफल और दो पिस्तौल का लाइसेंस लिया

शाइस्ता ने अतीक के कनेक्शन की मदद से फर्जी पते का उपयोग करते हुए एक एडवांस राइफल और दो पिस्तौल कुल तीन हथियारों के लिए लाइसेंस प्राप्त किया था. बिना हथियार के लाइसेंस जारी करने से पहले अनिवार्य परीक्षण फायरिंग के लिए भी जाना पड़ता है.हालांकि इस मामले में 2009 में उसके खिलाफ आईपीसी और आर्म्स एक्ट की विभिन्न संबंधित धाराओं के तहत कर्नलगंज पुलिस स्टेशन में तीन मामले दर्ज किए गए. पुलिस के अनुसार, शाइस्ता ने फरवरी 2017 में अतीक के जेल जाने के बाद से अपने पति के साम्राज्य को सक्रिय रूप से चलाना शुरू कर दिया था. यहां तक ​​कि शहर में अतीक के गुर्गों के साथ चलने की उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई थी. जल्द ही राजनीतिक गलियारों में भी पैठ बनानी शुरू कर दी थी.

अतीक के कहने पर बिल्डरों – व्यापारियों रंगदारी वसूलती रही शाइस्ता

पुलिस का दावा है कि अतीक के कहने पर वह बिल्डरों व अन्य व्यापारियों से रंगदारी वसूलती थी. उसने उमेश पाल और उसके दो पुलिस गार्डों की हत्या में शामिल हमलावरों को ऐसे स्रोतों से उगाही के पैसे दिए. घटनाक्रम से वाकिफ एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 24 फरवरी को हुई हत्याओं के बाद शाइस्ता को पकड़ने के लिए छापेमारी करते हुए, पुलिस ने 72 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की, जिसे उसने कथित तौर पर अपने नौकर राकेश को छुपाने के लिए दिया था.अवैध रूप से हथियार खरीदने के संबंध में दर्ज तीन मामलों (2009 से पहले) के अलावा, शाइस्ता के खिलाफ चौथा मामला भी 24 फरवरी, 2023 को धूमनगंज पुलिस स्टेशन में प्रयागराज के सुलेम सराय मोहल्ले में उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा कर्मियों को मारने के लिए दर्ज किया गया है.

Exit mobile version