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अतीक के बेटे उमर अहमद को आज सीबीआई कोर्ट में किया जाएगा पेश, अपहरण-रंगदारी मामले में सुनाई जा सकती है सजा

सीबीआई की विशेष कोर्ट में प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर लखनऊ से देवरिया जेल ले जाने, उसके साथ मारपीट व लूटपाट के मामले में उमर अहमद समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था.

By Sanjay Singh | April 21, 2023 8:14 AM
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Lucknow: उमेश पाल हत्याकांड माफिया अतीक अहमद के परिवार पर बेहद भारी पड़ा है. इस मामले में अतीक अहमद का बेटा असद जहां मुठभेड़ में मारा गया. वहीं अतीक और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या कर दी गई. अतीक की पत्नी 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन की तलाश में जहां लगातार दबिश दी जा रही है, वहीं अब जेल में बंद बेटे उमर अहमद की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. प्रॉपर्टी डीलर को अगवा करने के मामले में उसे सीबीआई की विशेष कोर्ट में शुक्रवार को पेश किया जाएगा.

उमर समेत अन्य पर आरोप किए जा चुके हैं तय

सीबीआई की विशेष कोर्ट में प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर लखनऊ से देवरिया जेल ले जाने, उसके साथ मारपीट व लूटपाट के मामले में उमर अहमद समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जा चुके हैं. इसके बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 अप्रैल की तारीख तय की थी. इस मामले में साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुआ था, जबकि उमर सहित अन्य आरोपी कोर्ट में पेश किए गए थे.

अपहरण की साजिश, जान की धमकी सहित अन्य आरोप

कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ फिरौती के लिए अपहरण की साजिश करने , जानमाल की धमकी देने, मौत का भय दिखाकर फिरौती वसूलने सहित अन्य आरोप तय किए. कोर्ट ने मोहम्मद आमिर कुरैशी, मोहम्मद हमजा, महेंद्र कुमार सिंह, जकी अहमद, मोहम्मद फारूख, नीतेश मिश्रा और योगेश कुमार के खिलाफ भी फिरौती के लिए अपहरण की साजिश करने, मौत का भय दिखाकर फिरौती वसूलने व जानमाल की धमकी देने के आरोप तय किए.

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कारोबारी ने 28 दिसंबर 2018 को रिपोर्ट कराई थी दर्ज

कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की रिपोर्ट 28 दिसंबर 2018 को लखनऊ के कृष्णानगर थाने में दर्ज कराई थी. तहरीर के मुताबिक देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने पहले अपने गुर्गों के जरिए गोमती नगर स्थित ऑफिस से उसका अपहरण करवाया फिर जेल में उसके साथ मारपीट कर सादे पन्ने पर दस्तखत करने कहा. इनकार करने पर अतीक अहमद, उसके पुत्र उमर और गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान ने मिलकर उसे तमंचे की बट व लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा और जबरन स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर बनवा कर उसकी 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली. सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था.

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