अतीक-अशरफ हत्याकांड: लवलेश के तीन साथी हिरासत में, आयोग के सदस्य पहुंचे प्रयागराज, जानें नार्को टेस्ट का अपडेट

अतीक-अशरफ हत्याकांड: एसआईटी लवलेश के साथियों से अहम जानकारी जुटाएगी. तीनों ने ही लवलेश को मीडियाकर्मी जैसा व्यवहार करने की ट्रेनिंग दी थी, ​इसके बाद लवलेश ने सनी और अरुण मौर्य के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया. एसआईटी हत्यारोपियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए हमीरपुर और कासगंज भी पहुंची है.

By Sanjay Singh | April 20, 2023 1:33 PM

Lucknow: प्रयागराज के अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ हत्याकांड की जांच में जुटी एसआईटी तीनों आरोपियों लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य की कुंडली खंगालने में जुट गई है. इनसे जुड़े लोगों की भी जानकारी जुटाई जा रही है. टीम ने लवलेश तिवारी के तीन साथियों को बांदा रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया गया है. वहीं मामले की जांच को लेकर न्यायिक आयोग की टीम गुरुवार को प्रयागराज पहुंची. आयोग के सदस्यों ने सर्किट हाउस में एसआईटी के सदस्यों के साथ बैठक की.

आयोग के सदस्यों ने किया घटनास्थल का निरीक्षण

प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया है. इसके लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग दो माह में जांच पूरी कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. आयोग में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह व पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी बतौर सदस्य शामिल हैं. आयोग के सदस्यों ने गुरुवार को घटनास्थल काल्विन अस्पताल का दौरा किया, जहां 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कर दी गई थी.

लवलेश को साथियों ने दी मीडियाकर्मी जैसा व्यवहार करने की ट्रेनिंग

अतीक अहमद-अशरफ मर्डर केस को लेकर एसआईटी लवलेश के साथियों से उसके बारे में अहम जानकारी जुटाएगी. वहीं कहा जा रहा है कि इन तीनों ने ही लवलेश को मीडियाकर्मी जैसा व्यवहार करने की ट्रेनिंग दी थी, ​इसके बाद लवलेश ने सनी और अरुण मौर्य के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया. एसआईटी हत्यारोपियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए हमीरपुर और कासगंज भी पहुंची है.

हत्यारोपियों की जनपदों में जाकर जुटाई जा रही जानकारी

दरअसल तीनों हत्यारापियों के मूल निवास बांदा, हमीरपुर और कासगंज में एसआईटी के इंस्पेक्टर ओम प्रकाश की अगुवाई में गहन पड़ताल की जा रही है, जिससे पता लगाया जा सके कि हत्यारों ने वास्तव में क्यों वारदात को अंजाम दिया था. एसआईटी आरोपितों के सही नाम, पता, शिक्षा, पारिवारिक पृष्ठभूमि, व्यवसाय, गांव या मोहल्ले में छवि, परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी जुटा रही है. इसके साथ ही इस बात का पता लगाया जा रहा है कि वह अपराध जगत के किन लोगों के संपर्क में थे और उनके खिलाफ स्थानीय थानों में कितने मुकदमे दर्ज हैं. तीनों हत्यारोपियों की कुंडली खंगालने में जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर भी तीनों से सवाल किए जाएंगे.

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मनोवैज्ञानिक तरीके से हो रही पूछताछ, नार्को टेस्ट की चर्चा

इस बीच कहा जा रहा है कि मामले की तह तक जाने के लिए तीनों हत्यारोपियों का नार्को टेस्ट भी कराया जा सकता है. जरूरत होने पर इसके लिए पुलिस कोर्ट में अर्जी लग सकती है. हालांकि इस संबंध में आ​धिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. वहीं अरुण मौर्य का नाबालिग होना भी इसमें रोड़ा बन सकता है. अरुण के परिवार के राशन कार्ड के अनुसार वह नाबालिग है. बताया जा रहा है कि उसका जन्म 1 जनवरी 2006 को हुआ था. इस तरह अभी वह 18 वर्ष का नहीं हुआ है.

किन लोगों का हो सकता है नार्को टेस्ट

नियमानुसार नार्को टेस्ट बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों का नहीं किया जाता है. इसके लिए एक टीम बनाई जाती है. इस टीम में फॉरेंसिक एक्सपर्ट, मनोवैज्ञानिक, जांच अधिकारी मौजूद रहते हैं. नियमों के मुताबिक, नार्को टेस्ट कराने के लिए व्यक्ति की सहमति भी जरूरी होती है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि नार्को एनालिसिस, ब्रेन मैपिंग और पालीग्राफ टेस्ट किसी भी व्यक्ति की सहमति के बिना नहीं किए जा सकते. वहीं नार्को टेस्‍ट के दौरान दिए गए बयान अदालत में प्राथमिक साक्ष्य के रूप में स्वीकार नहीं किए जाते हैं. जब अदालत को कुछ परिस्थितियों में लगता है कि मामले के तथ्य और प्रकृति इसकी अनुमति दे रहे हैं, इस टेस्‍ट की अनुमति दी जाती है.

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