UP ATS के पास होंगे सेना जैसे घातक हथियार, रडार और स्नाइपर राइफल से करेंगे हाई रिस्क ऑपरेशन

यूपी एटीएस जल्द ही मुंबई हमले जैसे अप्रत्याशित हमलों से निपटने में सक्षम हथियारों और उपकरणों से लैस होगी. उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी बल यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड के जवानों के हाथों में अब सेना की तरह अत्याधुनिक हथियार होंगे.

By Sandeep kumar | June 23, 2023 5:39 PM
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Lucknow : उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष ऑपरेशनल कमांडो इकाई, एटीएस वीवीआईपी और संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा के साथ खूंखार आतंकियों से भी मोर्चा लेती रहती है, जिसके लिए समय-समय पर अत्याधुनिक हथियार, उपकरण और एक्सेसरीज की आवश्यकता पड़ती है. जिसके लिए अत्याधुनिक हथियार, उपकरण और एक्सेसरीज मुहैया कराने वाली कंपनियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) मांगा गया है. यूपी एटीएस के डिप्टी एसपी (लाइन) लायक सिंह ने आगामी 30 जून तक कंपनियों से उनके उत्पादों का ब्रोशर और स्पेशिफिकेशन देने को कहा है. साथ ही, इस संबंध में कंपनियों से सुझाव भी आमंत्रित किए गए हैं.

इन अत्याधुनिक हथियारों से होंगे सुसज्जित

यूपी एटीएस की ओर से इस संबंध में जारी पत्र में जिन हथियारों एवं उपकरणों को क्रय करने के लिए कंपनियों से जानकारी मांगी है, उनमें 7.62 बोर की असॉल्ट रायफल, नाइन एमएम की सेमी ऑटो मशीन गन, नाइन एमएम की पिस्टल, स्नाइपर रायफल, 12 बोर की पंप एक्शन गन, 7.62 बोर की लाइट मशीन गन, अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर शामिल हैं.

इनके अलावा हैंडग्रेनेड, 84 एमएम सीजीआरएल (रॉकेट लांचर), ड्रोन कैमरा, सी थ्रू वॉल राडार, नाइट विजन गॉगल, नाइट मोनोकुलर, नाइट वेपन साइट, लेजर डिस्टेंस मीटर, एके-47 की टेक्टिकल लाइट, ग्लॉक पिस्टल की लेजर ग्रिप, थर्मल इमेजिंग स्नाइपर नाइट साइट, बॉडीवार्न कैमरा, लाउट हेलर आदि शामिल हैं.

बच पाना नहीं होगा आसान

यूपी एटीएस सी थ्रू वॉल राडार खरीदने की तैयारी में है, जिससे आतंकियों का कमांडो की नजरों से बच पाना आसान नहीं होगा. इसकी मदद से दीवार की दूसरी ओर मौजूद लोगों को चिन्हित किया जाएगा. इसका इस्तेमाल कई देशों की सेनाएं करती हैं. वहीं नाइट विजन वाले उपकरणों की मदद से रात में भी हाई रिस्क आपरेशन करने में आसानी होगी और संदिग्धों की हर हरकत पर नजर रहेगी.

हमले में बचाने वाले वाहन भी

यही नहीं, यूपी एटीएस ऐसे वाहनों को भी खरीदेगी, जो अचानक हमला होने पर अंदर बैठे कमांडो को सुरक्षित रख सके. गोलियों के अलावा हैंडग्रेनेड से हुए हमले के दौरान भी उनको सुरक्षित रख सके. ऐसे वाहनों में जवाबी फायरिंग के लिए सात गन पोर्ट भी होंगे.

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