अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास (Mahant Nritya Gopal Das) के शिष्य का शव संदिग्ध अवस्था में बरामद किया गया है. अयोध्या के कोतवाली के नयाघाट चौकी क्षेत्र में संत निवास से स्थानीय पुलिस ने साधु हरिभजन दास (50 वर्ष) का शव बरामद किया है. शव का गला रेता हुआ है. हालांकि पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों एंगल से जांच कर रही है.
साधु हरिभजन, महंत नृत्यगोपाल दास के शिष्य थे. जिस समय पुलिस मौके पर पहुंची, उस समय साधु की सांसे चल रही थी. पुलिस पहले साधु को लेकर श्रीराम अस्पताल पहुंची. वहां से डॉक्टरों ने साधु को जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने जांच के बाद साधु हरिभजन को मृत घोषित कर दिया. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.
एक अधिकारी राजेश कुमार राय ने मीडिया को बताया कि मणिरामदास छावनी स्थित संत आश्रम से सूचना मिली थी कि यहां एक साधु ने धारदार हथियार से अपना गला काट लिया है. साधु को आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल पहुंचने के क्रम में ही साधु की मौत हो गयी. स्थानीय लोग बताते हैं कि साधु पिछले कई दिनों से तनाव में था.
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मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि मृतक साधु हरिभजन उनके गुरु भाई थे और मूल रूप से बिहार के दरभंगा के रहने वाले थे. वह पिछले 30 सालों से इस छावनी के संत निवास में रह रहे थे. उन्होंने बताया कि साधु हरिभजन का गुजरात के सोमनाथ में एक छोटा सा मंदिर थ जो अतिक्रमण में टूट गया था. उसके बाद से साधु हमेशा डिप्रेशन में रहता था.
अधिकारी ने बताया कि साधु के कमरे से खून सना चाकू मिला है और जमीन पर भी काफी खून पड़ा हुआ था. उन्होंने कहा कि कमरे के सभी सामान अपनी जगह पर थे. उसके साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गयी थी. प्रथम दृष्टया पुलिस का भी मानना है कि डिप्रेशन में साधु ने खुद ही चाकू से अपना गला रेता होगा. वैसे शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ खुलासा होगा.
Posted By: Amlesh Nandan.