Ayodhya Deepotsav: रामनगरी में त्रेतायुग जैसा नजारा, लाखों दीयों की रोशनी से जगमगाये घाट, बनेगा विश्व रिकॉर्ड
Ayodhya Deepotsav 2023: इस बार सरयू पुल पर ग्रीन पटाखों की आतिशबाजी होगी. इस पर करीब 80 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य अतिथि सरयू तट से आतिशबाजी निहारेंगे. इसके लिए यहां अलग से मंच बनाया गया है. करीब 20 मिनट तक आतिशबाजी होगी.
Ayodhya Deepotsav 2023: रामनगरी के लिए इस बार की दिवाली बेहद खास है. इस दिवाली के बाद रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. इसलिए दीपोत्सव 2023 को खास बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिससे ये यादगार रहे. अयोध्या की ऐसी सजावट की गई है, कि मानों तेत्रायुग में स्वयं राम यहां वनवास के बाद लौट रहे हों. पूरे शहर को खास ढंग से सजाया गया है. शनिवार को दीपोत्सव में 21 लाख दीप केवल राम की पैड़ी पर जलाने के साथ एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा. अहम बात है कि इस रिकॉर्ड को हासिल करने के लिए 3.60 लाख दीपक अतिरिक्त भी जलाएं जाएंगे ताकि दीपमाला अनवरत रहे. शनिवार को शाम होते ही जैसे ही रामलला के दरबार में पहला दीप जलेगा, पूरी अयोध्या जगमग हो उठेगी. भगवान श्रीराम पुष्पक विमान रूपी हेलीकॉप्टर से अयोध्या पधारेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल उनकी अगवानी करेंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री वशिष्ठ की भूमिका में श्रीराम का राजतिलक करेंगे. इस आयोजन का साक्षी बनने के लिए रामकथा पार्क में करीब पांच हजार अतिथि मौजूद रहेंगे. इस बार सरयू पुल पर ग्रीन पटाखों की आतिशबाजी 20 मिनट तक होगी. इस पर करीब 80 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं.
सरयू तट से आतिशबाजी का आनंद लेंगे अतिथि
मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथि अयोध्या में सरयू तट से आतिशबाजी निहारेंगे. अगर रामनगरी के निवासियों के उल्लास की बात करें तो लंका विजय के बाद श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में उन्होंने उसी तर्ज पर अपने घरों को सजाया है जैसा त्रेता युग में सजावट की गई थी. घरों व दुकानों की दरों-दीवारों पर रामकथा व शुभता के प्रतीकों को चित्रित किया है. हनुमान जयंती के मौके पर रामनगरी शनिवार को फिर से इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी है. राम की पैड़ी के 51 घाटों पर दीपमालिकाएं सज गई हैं. 24.60 लाख दीये बिछाए जा चुके हैं.
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हर एक दीये में डाला जाएगा 30 एमएल तेल
शुक्रवार की देर शाम तक दीयों की गणना गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम करने में जुटी रही. शनिवार सुबह से दीपों में तेल व बाती डालने की प्रक्रिया शुरू होगी. शाम को सभी घाटों पर दीप जलाए जाएंगे. दीये में तेल भरने के लिए एक-एक लीटर सरसों की बोतल दी जाएगी. हर एक दीये में 30 एमएल तेल डाला जाएगा. दीये का ऊपरी हिस्सा कुछ खाली रखा जाएगा, ताकि तेल घाट पर न गिरे. एक लीटर तेल की बोतल खाली होने के बाद पुनः उसी गत्ते में वापस सुरक्षित रखी जाएगी. दीये में तेल डालने के बाद बाती के आगे वाले भाग पर कपूर का पाउडर लगाएंगे, जिससे वालंटियर्स को दीये प्रज्ज्वलित करने में आसानी होगी.
प्रत्येक घाट पर दीयों को प्रज्ज्वलित करने के लिए कैंडल, माचिस, डंडे लगे कैंडल व अन्य सामग्री निर्धारित दीयों की संख्या के अनुपात में एक ही बार में समन्वयकों को उपलब्ध करा दी जाएगी. दीयों को प्रज्वलित करने वाले स्वयंसेवक, समन्वयक सूती कपड़ों में ही घाटों पर उपस्थित रहेंगे. प्रज्वलित करते समय अपना व दूसरों का भी ध्यान रखेंगे.
51 घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम
दीपोत्सव नोडल अधिकारी संत शरण मिश्र ने बताया कि दीपोत्सव अद्भुत होगा. 51 घाटों पर दीयों की सुरक्षा पुलिस प्रशासन व विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों द्वारा की जा रही है. शनिवार को दीपोत्सव के दिन प्रातः 10 बजे से पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक व गणना वालंटियर्स की देखरेख में 24.60 लाख दीये में तेल डालने, बाती लगाने व देर शाम शासन की ओर से नियत समय पर दीये प्रज्जवलित किए जाएंगे.
घर बैठे इस तरह करें दीपदान
इसी के साथ पर्यटन विभाग व अयोध्या जिला प्रशासन ने इस बार एक नया प्रयास भी किया है. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि विभाग ने होली अयोध्या नाम से एक मोबाइल ऐप तैयार किया है. इससे आम लोग आसानी से घर बैठे अयोध्या के दीपदान में शामिल हो सकेंगे. यह मोबाइल एप प्ले स्टोर, एंड्रायड व एप्पल प्लेटफार्म पर उपलब्ध है. इस एप को कोई भी व्यक्ति डाउनलोड कर एक या उससे अधिक दिये अपने नाम से बुक कर सकते हैं.
दीपोत्सव के बाद पर्यटन विभाग संबंधित व्यक्ति के पते पर यह दिया, प्रसाद व सरयू का जल भी प्रसाद के रूप में भेजेगा. इस एप के माध्यम से तय की गई सहायता राशि देकर कोई भी दिये जलवा सकता है. इस एप पर आने वाले आवेदन को जिला प्रशासन देखेगा और उसके अनुसार दिये जलवाने की व्यवस्था करेगा. देश ही नहीं विदेशों में रह रहे लोग भी इस दीपोत्सव से जुड़ना चाहते हैं. ऐसे में यह उनके लिए अच्छी सुविधा होगी.
दीपोत्सव पर सजेगा रामलला का दरबार
श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि दीपोत्सव के मौके पर रामलला का दरबार भी दीप मालाओं से सजाया जाएगा. मंदिर में कुछ स्थान अभी ऐसे हैं, जहां फिनिशिंग का काम चल रहा है. वहां विशेष प्रकार का दीपक जलाया जाएगा, जो तेल का दीपक नहीं होगा. ऐसे दीपक होते हैं, जिनसे तेल नहीं टपकता है. इसके अलावा निर्माणाधीन मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा. परकोटे का हिस्सा और जन्मभूमि पथ यानी दर्शन पथ वहां भी साजसज्जा होगी. जहां प्रवेश द्वार हैं, वहां भव्य रूप दर्शनार्थियों के लिए शोभायमान होगा और राम जन्मभूमि पथ भी आकर्षण का केंद्र बनेगा.