अयोध्या एयरपोर्ट रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले दिसंबर में होगा तैयार, रात में भी उतर सकेंगे विमान

अयोध्या के जिलाधिकारी नितीश कुमार ने गुरुवार को बताया कि फर्स्ट फेस का निर्माण लगभग पूरा होने की स्थिति में है. एयर स्ट्रिप, नाइट लैंडिंग फैसिलिटी का काम पूरा हो चुका है. टर्मिनल बिल्डिंग का काम 85 प्रतिशत पूरा हो गया है और एक एप्रेन जो कंप्लीट हुआ है, उसमें चार लैंडिंग की फैसिलिटी है.

By Sanjay Singh | October 5, 2023 2:41 PM

Ayodhya News: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तेजी से चल रही तैयारियों के बीच अब ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट’ का काम भी लगभग पूरा हो गया है ओर दिसंबर से एयरपोर्ट संचालन की स्थिति में होगा. करीब डेढ़ साल के भीतर इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करते हुए एयरपोर्ट को तैयार किया गया है. प्रथम चरण पूरा होने के बाद अन्य कार्यों को पूरा किया जाएगा. अयोध्या के जिलाधिकारी नितीश कुमार ने गुरुवार को बताया कि फर्स्ट फेस का निर्माण लगभग पूरा होने की स्थिति में है. एयर स्ट्रिप, नाइट लैंडिंग फैसिलिटी का काम पूरा हो चुका है. टर्मिनल बिल्डिंग का काम 85 प्रतिशत पूरा हो गया है और एक एप्रेन जो कंप्लीट हुआ है, उसमें चार लैंडिंग की फैसिलिटी है. वहीं एक एप्रेन का और निर्माण कराया जा रहा है, जहां चार एयरक्राफ्ट की लैंडिंग होगी. यह काम इसी महीने तक पूरा हो जाएगा. इसके साथ ही नवंबर तक फिनिशिंग वर्क पूरा हो जाएगा. टर्मिनल बिल्डिंग और सेकंड एप्रेन का काम नवंबर में पूरा होने पर लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसे साथ ही दिसंबर तक अयोध्या एयरपोर्ट का काम पूरा हो जाएगा और ये संचालन की स्थिति में होगा. एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया स्थान तय करने के बाद परिचालन शुरू कर सकता है.


तीन फेस में तैयार किया जाना है अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट

अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सभी कार्यों को तीन फेज में किया जाना है. इसके लिए कुल 821 एकड़ भूमि ली जा चुकी है. फेज-वन के रनवे, नाइट लैंडिंग व कोहरे एवं धुंध में लैंडिंग से संबंधित सुविधाओं का काम भी पूरा हो गया है. एटीसी टॉवर का काम भी पूरा हो गया है. इस प्रोजेक्ट के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच अप्रैल 2022 में लीज एग्रीमेंट किया गया. इसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को यह भूमि लीज पर दे दी गई.

सीएम योगी की पहल पर एप्रेन की संख्या में किया गया इजाफा

अधिकारियों के मुताबिक पहले एयरपोर्ट पर चार एयरक्राफ्ट खड़े होने की व्यवस्था होनी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर चार और एयरक्राफ्ट को खड़े होने के लिए एप्रेन बनाए जाने की व्यवस्था की गई. इस तरीके से टोटल 8 एयरक्राफ्ट अब खड़े हो सकते हैं. अत्याधुनिक सुविधा से लैस अयोध्या एयरपोर्ट से विमानों के उड़ान भरने के बाद पर्यटकों की संख्या में कई गुना इजाफा होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि दिसंबर में एयरपोर्ट के यात्रियों के लिए खोले जाने के साथ ही यहां से विमान उड़ान भरने लगेंगे. अधिकारियों के मुताबिक 8 एयरक्राफ्ट 180 सीटर के उड़ान भरने का कार्य शुरू होगा.

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पूरे देश से होगी अयोध्या की कनेक्टिविटी

इस एयरपोर्ट की विशेषता है कि इसे भव्य राम मंदिर की तर्ज बनाया जा रहा है. टर्मिनल बिल्डिंग में 500 यात्रियों के रुकने की सुविधा होगी. एयरपोर्ट में 2250 मीटर की रनवे बनकर तैयार है. यह एयरपोर्ट कई सारी अत्यधिक सुविधाओं से लैस होगा. शुरुआत में यहां नाइट लैंडिंग की सुविधा दी गई है, जिससे यात्री रात में भी यहां पहुंच सकेंगे. पूरे देश के एयरपोर्ट से अयोध्या की कनेक्टिविटी होगी. एयरपोर्ट में आठ एयरक्राफ्ट खड़ा होने की व्यवस्था की गई है. इस तरीके के एप्रेन बनाए गए हैं. इस एयरपोर्ट में भगवान श्री राम के मंदिर के मॉडल पर आधारित टर्मिनल वन की बिल्डिंग होगी. 6600 स्क्वायर मीटर में फेस वन की बिल्डिंग का निर्माण किया गया है.

सबसे पहले घरेलू उड़ान होंगी शुरू

संयुक्त महाप्रबंधक परियोजना राजीव कुलश्रेष्ठ के मुताबिक फेस वन के बाद फेस टू की बिल्डिंग के लिए निर्माण कार्य शुरू होगा. यह बिल्डिंग 50 हजार स्क्वायर मीटर की होगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी जाएगी. इसके लिए रनवे 3750 मीटर के करीब का होगा. सबसे पहले घरेलू उड़ानों को शुरू किया जाएगा. उसके बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए एयरपोर्ट का विस्तार कर निर्माण किया जाएगा.

पर्यटन सेक्टर में आएगा उछाल

जनवरी 2024 की शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के साथ ही देश दुनिया से श्रद्धालु यहां दर्शन को उमड़ने लगेंगे. इसके लिए अभी से इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं पर्यटकों के मद्देनजर अयोध्या में कई प्रकार की नई सुविधाओं को विकसित किया गया है. इसके अलावा तीर्थ स्थलों को संवारा गया है. ऐसे में अयोध्या का पर्यटन नई ऊंचाई पर पहुंचेगा, जिससे यहां आर्थिक गतिविधियों में भी इजाफा होगा.

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