अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा शुरू, 24 घंटे में 20 लाख श्रद्धालुओं की आस्था और ‘जय श्रीराम’ की गूंज

करीब 20 लाख श्रद्धालु पंचकोसी परिक्रमा में शामिल हैं. पंचकोसी परिक्रमा 15 नवंबर की सुबह 8.33 मिनट तक चलेगी. इसके पहले राम नगरी आए श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में स्नान किया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2021 12:26 PM

Ayodhya Panch Koshi Parikrama: श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में रविवार से देवोत्थानी एकादशी पर पंचकोसी परिक्रमा शुरू हो गई. रविवार सुबह 8.40 मिनट से जय श्री राम के नारे के साथ पंचकोसी परिक्रमा शुरू हुई. बताया जाता है कि करीब 20 लाख श्रद्धालु पंचकोसी परिक्रमा में शामिल हैं. पंचकोसी परिक्रमा 15 नवंबर की सुबह 8.33 मिनट तक चलेगी. इसके पहले राम नगरी आए श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में स्नान किया. पंचकोसी परिक्रमा को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या में ट्रैफिक मूवमेंट पर ब्रेक लगाया गया है. गाड़ियों का प्रवेश वर्जित है.

श्रीराम की नगरी में कल्पवास का महत्व

पौराणिक मान्यताओं में अयोध्या में कल्पवास की परंपरा का निर्वहन किया जाता है. इसमें श्रद्धालु कार्तिक महीने में अयोध्या में रहते हैं. उनका सारा वक्त स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना में गुजरता है. पूर्णिमा के दिन देव दीपावली के मौके पर सरयू नदी में स्नान करके श्रद्धालु अपने कल्पवास को पूर्ण घोषित कर देते हैं.

इस बार दो दिन मनाई जाएगी पूर्णिमा

18 नवंबर:- व्रत की पूर्णिमा

19 नवंबर:- स्नान-दान की पूर्णिमा

अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा की खासियत

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा का अपना महत्व है. इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु पांच कोस की यात्रा करते हैं. यह पांच कोस शरीर के पांच तत्वों से मिलकर बनने का प्रतिनिधित्व करता है. मान्यता है कि पंचकोसी परिक्रमा करने वाले सीधे स्वर्ग जाते हैं. पंचकोसी यात्रा करने वाले को मुक्ति मिलती है. श्रीराम मंदिर की पांच कोस की परिक्रमा करने वाले भक्त भाग्यशाली माने जाते हैं.


अक्षय नवमी पर अयोध्या में 14 कोस परिक्रमा

हिंदू धर्म में मान्यता है कि अक्षय नवमी पर अयोध्या धाम में 14 कोस परिक्रमा का अपना विधान है. अक्षय नवमी पर किए पुण्य का कभी क्षय नहीं होता. उस दिन अयोध्या में 14 कोस परिक्रमा होती है. सिर्फ एक बार 14 कोसी परिक्रमा करने से श्रीराम चरणों में शरण देते हैं. पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा करने से शरीर को शक्ति मिलती है. इस परिक्रमा का धार्मिक और शारीरिक महत्व भी बहुत ज्यादा है.

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