लखनऊ: श्रीराम की नगरी अयोध्या का भव्य रेलवे स्टेशन 31 दिसंबर तक तैयार हो जाएगा. यह देश का सबसे खूबसूरत और आधुनिक सुविधाओं से संपन्न रेलवे स्टेशनों में से एक होगा. इस विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन के फेज-1 का काम पूरा हो चुका है. पहले चरण में अयोध्या स्टेशन के विस्तार को लेकर रेलवे 240 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है. इसमें खूबसूरत भवन, पार्किंग, कर्मचारियों के लिए आवास, रेलवे पुलिस के लिए कार्यालय, तीन नए प्लेटफार्मों का निर्माण, रोड निर्माण, ड्रेनेज संबंधी कार्य हो हो रहे हैं. अयोध्या स्टेशन की बिल्डिंग की बात करें तो यह 10 हजार वर्गमीटर में फैली है.
अयोध्या में श्रीराम मंदिर में भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है. वहीं दूसरी तरफ इस नगरी को दिव्य स्वरूप देने का कार्य हो रहा है. अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण भी हो रहा है. वहीं नया रेलवे स्टेशन भी आकार ले रहा है. रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) के जेजीएम एके जौहरी ने बताया कि अयोध्या रेलवे स्टेशन का काम 31 दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. नए भवन में फिनिशिंग का काम चल रहा है. यहां बुजुर्गों और महिलाओं की सुविधा के लिए लिफ्ट व एस्केलेटर, एसी वेटिंग रूम, वॉशरूम, पेयजल बूथ, फूड प्लाजा समेत अन्य सुविधाएं तैयार हो चुकी हैं. पूरे भवन को एसी बनाया गया है. दिव्यांगों के लिए रैंप की व्यवस्था होगी. स्टेशन करीब तीन किलोमीटर लंबा होगा. रेलवे स्टेशन के नए भवन का काम लगभग पूरा हो गया है.
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अयोध्या रेलवे स्टेशन के विस्तार का काम 2018 में शुरू हुआ था. पहले चरण में बने भवन को श्रीराम मंदिर की तर्ज पर भव्य और आकर्षक बनाया गया है. यहां लगी टाइल्स, पत्थर, शीशे, दरवाजे, लाइटिंग आदि इसकी भव्यता का एहसास कराते हैं. भवन के बीच में लगा भारी भरकम पंखा व ठीक उसके नीचे बनी फर्श की डिजाइन का आकर्षण यात्रियों का मन मोहने को तैयार है. स्टेशन का विशाल परिसर भी इसकी भव्यता का गवाह है.
3 प्लेटफॉर्म, महिला, पुरुष एवं वीआईपी प्रतीक्षालय, फूड प्लाजा, कियोस्क, किताबों की दुकान, क्लॉक रूम, पर्यटक सूचना, यात्रा डेस्क, वाटर कूलर, दिव्यांगों के लिए अलग शौचालय, शिशु देखभाल कक्ष, यूएस रूम, बीमार कक्ष, लिफ्ट, 4 एस्केलेटर के अलावा बड़े कॉनकोर्स, वीआईपी लाउंज, प्रतीक्षा क्षेत्र, पर्यटक सूचना कार्यालय, रिटायरिंग रूम और लेडिज-जेंट्स डॉरमेट्री आदि सुविधाएं मिलेंगी। वहीं दूसरे चरण में शेष एयर कॉनकोर्स का कार्य प्रगति पर है। जिसकी लागत 480 करोड़ रुपए है.
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