अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बाधा डालने के इरादे से शहर की जासूसी कर रहे तीन संदिग्धों को यूपी एटीएस ने गुरुवार की रात में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार तीनों संदिग्धों की पहचान राजस्थान निवासी शंकर लाल दुसाद उर्फ शंकर जाजोद, अजीत कुमार शर्मा और प्रदीप पुनिया प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख गुरपतवंत सिंह ‘पन्नू’ के करीबी के रूप में हुई है. यूपी एटीएस द्वारा किए गए कार्रवाई के बाद आतंकी पन्नू ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ऑडियो मैसेज भेजकर धमकी दिया था. जिसके बाद यूपी एटीएस ने पन्नू को भी नामजद कर जांच शुरू कर दी है. यूपी एटीएस के डीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और चेकिंग के दौरान एक सफेद स्कॉर्पियो गाड़ी HR 51-BX 3753 पकड़ी गई. स्कॉर्पियो सवार तीनों युवक जब त्रिमूर्ति होटल जाने लगे तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की. पता चला कि शंकर लाल दुसाद के खिलाफ 2007 से 2014 तक कुल सात मामले दर्ज थे. उसे साल 2016 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था और 2023 तक सात साल तक जेल में रहा. जेल में उसकी मुलाकात लखबिंदर से हुई थी. लखबिंदर ने उसे अपने भतीजे पंपा से मिलवाया. पंपा ने उसे कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी सुखविंदर गिल उर्फ सुखडोल सिंह गिल उर्फ सुखदिल का व्हाट्सएप नंबर दिया था. शंकर लाल लगातार सुक्खा से व्हाट्सएप पर बात करता रहा. सुक्खा ने बताया कि खालिस्तानी समर्थकों की हत्या में गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गैंग का हाथ है. सुक्खा ने बदला लेने के लिए शंकर से मदद मांगी लेकिन इसी बीच सितंबर 2023 में सुक्खा की हत्या हो गई.
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शंकर लाल ने कबूल किया है कि वह गैंगस्टर राजेंद्र जाट उर्फ राज ठेहट का करीबी रहा है. विदेश में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी हरमिंदर सिंह ने उसे निर्देश दिया था कि गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अयोध्या जाकर रेकी करने और कुछ महत्वपूर्ण स्थानों के फोटो और नक्शे भेजने के लिए कहा था. पन्नू ने यह भी कहा था कि उन्हें अयोध्या में ही रहना है और वहीं उनके अगले आदेश का इंतजार करना है. पन्नू के कहे अनुसार ही घटना को अंजाम दिया जाए. इसीलिए वे स्कॉर्पियो पर श्रीराम का झंडा लगाकर रेकी कर रहे थे. पन्नू ने कहा था कि वारदात को अंजाम देने का सामान उसे अयोध्या में ही मुहैया कराया जाएगा. शंकरलाल अपने दो साथियों के साथ आया था.
यूपी एटीएस के मुताबिक शंकर और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद कनाडा में बैठे पन्नू ने ऑडियो मैसेज जारी करना शुरू कर दिया. इसमें मीडियाकर्मियों को कई तरह की कॉल की गईं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी दी गई. यह भी कहा गया कि अयोध्या से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके गंभीर परिणाम होंगे. शंकर ने पूछताछ में यह भी कबूल किया है कि वह पन्नू के लिए काम करता था. जिसके चलते एटीएस ने इन तीनों के साथ-साथ पन्नू के खिलाफ यूपी एटीएस थाने में धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने, साजिश रचने और देशद्रोह की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. एटीएस तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.
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शंकर लाल के बाद दो अलग-अलग आधार कार्ड बरामद हुए.
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शंकर के कब्जे से फर्जी आईडी के आधार पर दो सिम बरामद हुए.
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कब्जे से बरामद स्कॉर्पियो गाड़ी के दस्तावेज शंकर के नाम पर रजिस्टर्ड हैं, जबकि पोर्टल पर जांच करने पर मालिक श्रवण कुमार सारसवा है.