Ayodhya Ram Mandir: चार वेद, चार युग की प्रेरणा से बने 4 मुख्य पथों ने किया अवधपुरी का कायाकल्प, जानें खासियत

योगी सरकार के नेतृत्व में पुरातन वैभव को आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप ढालकर अयोध्या का विस्तार किया जा रहा है. यहां के चार प्रमुख पथ भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, राम पथ व धर्म पथ चार वेदों और चार युगों की अवधारणा पर विकसित किए गए हैं. यहां जानें इनकी खासियत

By Sandeep kumar | January 8, 2024 10:01 AM
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योगी सरकार में प्रभु श्री राम की अवधपुरी में चार वेद और चार युग की प्रेरणा से बने चार पथों ने वृहद कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त किया है. योगी सरकार के नेतृत्व में पुरातन वैभव को आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप ढालकर अयोध्या का विस्तार किया जा रहा है. यहां के चार प्रमुख पथ भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, राम पथ व धर्म पथ चार वेदों और चार युगों की अवधारणा पर विकसित किए गए हैं. जिन्हें म्यूरल पेंटिंग, वॉल पेंटिंग, पेबल स्टोन स्कल्चर, आधुनिक लाइटिंग, वाई-फाई कनेक्टिविटी समेत सौर ऊर्जा के उचित प्रयोग से वैश्विक प्रतिमान गढ़ने के अनुरूप बनाया गया है. अयोध्या के इस विकास के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने तेजी से काम किया है. 2017 के पहले नागरिक सुविधा के तौर पर उबड़-खाबड़, गड्ढायुक्त आधी-अधूरी सिंगल लेन सड़कें व संकरी गलियां ही अयोध्या की नियति बनकर प्रत्यक्ष तौर पर सकल विश्व की राजधानी की पराभव गाथा को बयां करती थी. वर्षों के पराभव के बाद अब अयोध्या जिस तेजी से विकास के नए प्रतिमान गढ़ रही है तथा वर्ष 2047 तक आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर अपनी पहचान को पुख्ता करने के लिए सतत विकास की प्रक्रिया से गुजर रही है. एक दौर था जब घंटों तक बाधित विद्युत आपूर्ति, नाली-खड़ंजों में गंदगी व साफ-सफाई में अनियमितता, सड़कों पर मंडराता आवारा पशुओं का झुंड, सड़कों के नाम पर सिंगल लेन ऊबड़-खाबड़ गड्ढायुक्त मार्ग और उन पर चलता बेतरतीब ट्रैफिक अयोध्या की पहचान बन गए थे.

अयोध्या ने 2017 के बाद जिस तेजी से विकास की गति पकड़ी है, वह डबल इंजन की सरकार और विशेषतौर पर सीएम योगी के अयोध्या के प्रति आत्मिक लगाव के कारण ही संभव हो पाया है. आज यहां भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, राम पथ व धर्म पथ वर्ल्ड क्लास मॉडर्न फैसिलिटीज और हेरिटेज आर्टिस्टिकली क्राफ्टेड विंटेज साज-सज्जा से संवर रही है. यहां के इन चारों प्रमुख पथों को फसाड लाइटिंग, म्यूरल पेंटिंग, विंटेज विक्टोरियन सोलर टेल लैंप, आर्टिस्टिकली डिजाइंड आर्क लैंप, प्रॉपर पेवमेंट, इनलैंड ड्रेनेज व कॉनक्रीट लेआउट कैरियज वे, ग्रीनरी इनेबल्ड डिवाइडर, अवस्थापनाओं के संरचनात्मक विकास में फाइबर ग्लास, कंक्रीट मॉडलिंग के साथ ही सीसीटीवी सर्विलांस के जरिए स्मार्ट ट्रैफिक रेगुलेशन सिस्टम भी अयोध्या में इन चारों मुख्य पथों पर लागू है.

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यहां जानें चार प्रमुख पथों के नाम और उनकी पूर्व में स्थिति
रामपथ

रामपथ फोर लेन सहादतगंज से लता मंगेशकर चौक (नया घाट) को जोड़ती है. इसकी कुल लंबाईः 12.94 किलोमीटर है. इसके निर्माण में कुल 844.94 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. बता दें कि रामपथ 2017 के पहले सिंगल लेन में ऊबड़-खाबड़ थी. यहां बेतरतीब चलते वाहनों के कारण भीड़-भाड़ व जाम होता था. लेकिन डबल इंजन की सरकार में तेजी से विकास हुआ. नयाघाट चौराहे का जीर्णोधार व सौंदर्यीकरण सुनिश्चित कर इसे सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को समर्पित करते हुए लता चौक के नाम पर सीएम योगी की उपस्थिति में 28 सितंबर 2022 को लोकार्पित किया. यहां विशाल वीणा स्थापित की गई, जो कला के साथ ही आधुनिक अयोध्या के वैभव का पहला प्रतिमान बनी. ये अयोध्या का प्रमुख सेल्फी प्वॉइंट भी है जहां खुद पीएम ने भी तस्वीरें खिंचवाई थीं. इस सड़क को सिंगल लेन के बजाए सुव्यवस्थित फोर लेन में कन्वर्ट किया गया. यहां पार्किंग के लिए भी उत्तम व्यवस्था की गई है.

जन्मभूमि पथ

जन्मभूमि पथ 0.580 किलोमीटर वाली टू लेन सड़क सुग्रीव किला(बिड़ला धर्मशाला से होते हुए रामजन्म भूमि मंदिर तक ) को जोड़ती है. इसके निर्माण में 41.02 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. बता दें कि 2017 के पहले यह सड़क अतिक्रमण के कारण बेहद संकरी गली के रूप में परिवर्तित हो गया था. यहां दुकानदारों के अतिक्रमण के कारण तीर्थयात्रियों को धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ना पड़ता था. लेकिन 2017 के बाद इस सड़क को डबल लेन बनाने के लिए व्यापक अतिक्रमण हटाने व चौड़ीकरण की प्रक्रिया को अमल में लाया गया है. अब यहां सीसीटीवी के जरिए स्मार्ट सर्विलांस की व्यवस्था भी शुरू हो गई है. ये हाई स्पीड इंटरनेट एक्सेस जोन भी है और यहां 5जी के साथ ही वाई-फाई की सुविधा भी उपब्ध कराने की तैयारी की जा रही है.

भक्ति पथ

भक्ति पथ फोर लेन सड़क श्रृंगार हाट से हनुमान गढ़ी तक जाती है. इस 0.742 किलोमीटर फोर लेन सड़क की सुधार करने में 68.04 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. बता दें कि 2017 पहले यह सिंगल लेन सड़क थी, जो अतिक्रमण और अव्यवस्थित ट्रैफिक के साथ ही साफ-सफाई के अभाव में गंदगी का पर्याय बन गई थी. लेकिन 2017 के बाद इस सड़क को अतिक्रमण मुक्त बनाकर व्यापक चौड़ीकरण प्रक्रिया के जरिए फोर लेन रोड में परिवर्तित किया गया है. यहां टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रकार के अवस्थापना सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है.

धर्मपथ

धर्मपथ को 65.40 करोड़ रुपए खर्च करके फोर लेन में तब्दील किया गया. यह 2 किलोमीटर लंबी सड़क लता मंगेशकर चौक से लखनऊ-गोरखपुर हाइवे तक जाती है. बता दें कि 2017 के पहले यह सिंगल लेन सड़क थी जहां बेतरतीब ट्रैफिक के कारण दिन के समय अक्सर जाम लगता था. यहां डीजल युक्त कमर्शियल वाहन ही चलते थे, जिससे पर्यावरण में प्रदूषण भी होता था. लेकिन 2017 के बाद इस सड़क को चौड़ीकरण प्रक्रिया के जरिए फोर लेन में कन्वर्ट किया गया है. यहां भव्य द्वार का भी निर्माण किया जा रहा है. यहां अब ज्यादातर पब्लिक कम्यूटिंग व कमर्शियल व्हीकल्स सीएनजी बेस्ड हैं तथा यहां ईवी परिवहन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसे सौंदर्यीकरण के जरिए व्यापक रूप से विकसित कर भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है.

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