Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर में पानी टपकने के मामले में चंपत राय का बयान, बोले गर्भ गृह में नहीं गया पानी

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में पानी टपकने के मामले में अब ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का बयान सामने आया है. मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के सवाल के बाद नृपेंद्र मिश्रा ने इस पर बयान जारी किया था.

By Amit Yadav | June 26, 2024 8:54 PM

अयोध्या: राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में पानी टपकने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने गर्भ गृह में पानी निकलने का रास्ता न होने, वीआईपी दर्शन स्थल पर पानी टपकने का मामला उठाया था. मुख्य पुजारी के सवाल उठाने के बाद नृपेंद्र मिश्र ने ऊपरी छत खुली होने और निर्माण कार्य के चलते पानी टपकने की बात कही थी. अब राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि गर्भगृह में जहा भगवान रामलाल विराजमान हैं, वहां एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है. न ही कहीं से गर्भ गृह में प्रवेश हुआ है.

मंडप की छत बंद होने से नहीं आएगा पानी

चंपत राय ने कहा है कि राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) गर्भ गृह के आगे पूर्व दिशा में मंडप है. इसे गूढ़ मंडप कहा जाता है. जहां मंदिर के दूसरे तल की छत का कार्य पूरा होने के बाद घुम्मट जुड़ेगा. इसके साथ ही मंडप की छत बंद हो जाएगी. इस मंडप का क्षेत्र 35 फीट व्यास का है. जिसको अस्थायी रूप से प्रथम तल पर ही ढक कर दर्शन कराये जा रहे हैं. द्वितीय तल पर पिलर निर्माण कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा है कि रंग मंडप एवं गूढ़ मंडप के बीच दोनों तरफ (उत्तर एवं दक्षिण दिशा में) उपरी तलों पर जाने की सीढि़यां है. जिनकी छत भी दूसरे तल की छत के ऊपर जाकर ढंकेगी.

बिजली के जंक्शन बॉक्स से आया पानी

चंपत राय का कहना है कि सामान्यत: पत्थरों से बनने वाले मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में बिजली के कंड्युट और जंक्शन बाक्स का कार्य पत्थर की छत के ऊपर होता है. कंड्युट को छत में छेद करके नीचे उतारा जाता है, जिससे मंदिर के भूतल के छत की लाइटिंग होती है. ये कंड्युट और जंक्शन बाक्स ऊपर के फ्लोरिंग के दौरान वाटर टाइट करके सतह में छुपाई जाती है. पहले तल पर बिजली, वाटर प्रूफिंग और फ्लोरिंग का कार्य चल रहा है. इसलिए सभी जंक्शन बॉक्स में पानी जा रहा है. वही पानी कंड्यूट के सहारे भूतल पर गिरा है. इसलिए ऊपर देखने पर ऐसा लग रहा है कि छत से पानी टपक रहा है. जबकि पानी कंड्युट पाइप के सहारे भूतल पर निकल रहा था.

प्रथम तल की फ्लोरिंग होने से नहीं जाएगा पानी

ट्रस्ट के महासचिव का कहना है कि प्रथम तल की फ्लोरिंग पूरी तरह से वाटर टाइट हो जाएगी और किसी भी जंक्शन से पानी का प्रवेश नहीं होगा. इससे कंड्युट के जरिये पानी नीचे तल पर भी नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि मंदिर और परकोटा परिसर में बरसात के पानी की निकासी का उत्तम प्रबंध किया गया है. इसका भी कार्य चल रहा है. इसलिए मंदिर और परकोटा परिसर में कहीं भी जलभराव की स्थिति नहीं होगी.

शून्य वाटर डिस्चार्ज का प्रबंधन

चंपत राय (Champat Rai) के अनुसार पूरे श्रीराम जन्मभूमि परिसर को बरसात के पानी से बचाने के लिए बाहर शून्य वाटर डिस्चार्ज के लिए प्रबंधन किया गया है. श्री राम जन्म भूमि परिसर मे बरसात के पानी को अंदर ही पूर्ण रूप से रखने के लिये रिचार्ज पिट का भी निर्माण कराया जा रहा है. मंदिर व परकोटा निर्माण कार्य भारत की दो अति प्रतिष्ठित कंपनिया एल एंड टी (L&T) और टाटा के इंजीनियरों, मंदिर निर्माण की अनेक पीढ़ियों की परम्परा के वर्तमान उत्तराधिकारी चंद्रकांत सोमपुरा के पुत्र आशीष सोमपुरा की देखरेख में हो रहा है. इसलिए निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कोई कमी नही है.

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