अयोध्या. अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य आखिरी चरम पर है. अगले साल जनवरी में रामलला की मूर्ति भी लग जाएगी. राम जन्मभूमि परिसर में बने अस्थाई मंदिर में विराजमान राम लला की चढ़ावा राशि में लगातार वृद्धि हो रही है. राम मंदिर का निर्माण जिस तेजी से हो रहा है, उसके कारण श्रद्धालुओं की भीड़ भी रोजाना 50 हजार के आस पास पहुंच गई है. मंदिर ट्रस्ट को उम्मीद है कि जब रामलला जनवरी 2024 में भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे, तो रोजाना दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या लाख के ऊपर पहुंच जाएगी. इसके साथ ही चढ़ावा राशि भी उसी के अनुपात में बढ जाएगी.
अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्ता के आनुसार राम मंदिर के निधि समर्पण अभियान में 3400 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई थी. मंदिर निर्माण में धन की कमी बाधक नहीं होगी, क्योंकि देशभर से अयेाध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओ से ही हर महीने डेढ़ करोड़ की धनराशि जमा हो रही है. उन्होंने बताया कि इस समय दानपात्र में करीब 70 लाख रुपये का चढ़ावा हर माह जमा हो रहा है. इन पैसों की गिनती के लिए 11 लोगों की टीम पूरे महीनेभर लगी रहती हैं. रोजाना सुबह 10 बजे से बैंक के अधिकारियो की टीम नोटों और सिक्को की गिनती शुरू करती है जो शाम तक चलती रहती है.
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चढ़ावा राशि की गिनती करने वाली टीम के ट्रस्ट की तरफ से तैनात संयोजक के अनुसार टीम में 10 कर्मचारी उन बैंको के है, जहां मंदिर ट्रस्ट का खाता खुला है. एक से लेकर 10 रुपये तक के सिक्को को अलग अलग गिना जाता है. इसी तरह से 10 रपये से लेकर 500 रुपये के नोटों की अलग-अलग गड्डियां बना कर इन्हें भी पैकेट में सील करके जमा किया जाता है. मंदिर के दानपात्र में हर महीने करीब 60 से 70 लाख रुपये की राशि जमा हो रही है. दर्शन मार्ग पर स्थित दो सहयोग राशि के कम्प्यूटराइज्ड काउंटरों पर और मंदिर ट्रस्ट कार्यालय में महीने में औसतन 60 लाख रुपये जमा हो रहे हैं. इसके अलावा ऑनलाइन भी सीधे बैंक के खातों में सहयोग राशि रोजाना जमा होती रहती है.