Ayodhya Ram Mandir : जेल में बंद जियाउल हक ने अपनी सारी कमाई प्रभु श्रीराम को समर्पित करने की जताई इच्छा
फतेहपुर जिला कारागार में सदर कोतवाली क्षेत्र का 25 वर्षीय जियाउल हक एक संगीन केस में करीब दो महीने से बंद है. इस दौरान बंदी को पिछले महीने की मजदूरी ग्यारह सौ रुपए मिला है. उसने जेल प्रशासन से अपनी मजदूरी रामलला को भेजने का गुहार लगाया है.
अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आज तीसरा दिन है. इसको लेकर पूरे देश में भक्तिमय का माहौल हो गया है. ऐसे में हर कोई अपने सामर्थ्य के अनुसार भगवान श्री राम के पूजा-पाठ में लगा हुआ है. इसी क्रम में फतेहपुर जिला कारागार में सदर कोतवाली क्षेत्र का 25 वर्षीय जियाउल हक एक संगीन केस में करीब दो महीने से बंद है. इस दौरान बंदी को पिछले महीने की मजदूरी ग्यारह सौ रुपए मिला है. उसने जेल प्रशासन से अपनी मजदूरी रामलला को भेजने का गुहार लगाया है. उसका कहना है कि प्रभु श्रीराम के प्रति उसकी गहरी अस्था है. राम सबके हैं. उसकी इच्छा है कि जेल से छूटने के बाद रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाए. वहीं एक गंभीर मामले में बंद 65 वर्षीय जवाहर ने भगवान राम और मां सीता की तस्वीर बनाई है. उस तस्वीर को जेल प्रशासन को देकर अयोध्या पहुंचाने की गुहार लगाई है. इसी जिला कारागार में बंद हर धर्म व पंथ के बंदी इन दिनों श्रीराम की तस्वीर वाले भगवा झोले तैयार कर हैं. जेल प्रशासन के मुताबिक जेल में बंदियों द्वारा तैयार किए जा रहे 1122 झोले केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के माध्यम से अयोध्या भेजे जाएंगे. जेल अधीक्षक मो. अकरम खान ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बंदियों में उत्साह है. 22 जनवरी को जेल में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा.
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कानपुर जेल के कैदी अयोध्या के लिए बना रहे राम ध्वजा
वहीं कानपुर जिला कारागार में बंद कैदी परिसर में ही श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के लिए पताका और झंडियां बना रहे हैं. जेल में बंद कैदियों में करीब 30 से 40 कैदी ऐसे हैं जो मिट्टी के दीये भी बना रहे हैं. साथ ही साथ राम नाम की पताका भी बना रहे हैं, जिसे 22 जनवरी से पहले बनाकर अयोध्या भेजा जाएगा और जेल में बन रहे मिट्टी के दीये भी जेल से अयोध्या पहुंचेंगे. कैदियों की इच्छा थी कि वो जेल में मिट्टी के दीये जेल में खुद बनाकर अयोध्या भेजें और कुछ दीयों से जेल को भी रौशन करें.
रामलला के लिए दिल खोलकर दान कर रहे भक्त
बता दें कि रामनगरी में रामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो रही है. श्रद्धालु यहां भगवान श्रीरामलाल का दर्शन-पूजन भी कर रहे हैं और दिल खोल कर दान भी कर रहे हैं. फिलहाल यहां रोजाना तीन से चार लाख रुपए का दान भगवान रामलला की दान पेटी में आ रहा है. पूरे महीने की बात करें तो यह राशि डेढ़ से दो करोड़ रुपए दानपेटी के माध्यम से आ रहा है. ऑनलाइन दान की अभी तक कोई काउंटिंग नहीं की जा सकी. 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में लाखों भक्त पहुंचेंगे. वे यहां भगवान श्रीराम का दर्शन पूजन करेंगे और अपने इच्छा भाव से श्रीराम मंदिर के लिए दान भी करेंगे. फिलहाल यहां अस्थायी मंदिर में भी अपने रामलला के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी है.
अपनी श्रद्धा से दान करने वालों का यह आलम तब है, जब भगवान श्री रामलला अपने अस्थायी मंदिर में हैं. जब वे अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो इसका कोई अंदाजा नहीं है कि प्रतिदिन कितना दान आएगा. हालांकि यह जरूर है कि मंदिर बन जाने के बाद श्रद्धालुओं की ओर से दान-चढ़ावे का आंकड़ा चार गुना बढ़ जाएगा. वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि हमारे यहां दान पात्रों में रोजाना धन पड़ता है. जब भर जाता है तब उसकी गिनती होती है. कैसे कह दिया जाए कितना आ रहा है, लेकिन काउंटर पर जो आ रहा है, वह प्रतिदिन तीन से चार लाख के बीच है. महीने में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए आ रहा है. दानदाताओं की कमी नहीं है. अपने सामर्थ्य से लोग बढ़चढ़ कर दान दे रहे हैं. लोग अनोखी अनोखी चीजें भी बनवाकर ला रहे हैं. लोग सोच रहे हैं कि भगवान के लिए क्या कर दें. लोग जो कर रहे हैं, हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.
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