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Ayodhya Ram Mandir: पीलीभीत के मुस्लिम कारीगरों ने रामलला के लिए बनाई विश्व की सबसे लंबी बांसुरी, जानें खासियत

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन पीलीभीत की बांसुरी भी रामनगरी में अपना जलवा बिखरेगी. बांसुरी के लिए मशहूर पीलीभीत के मुस्लिम कारीगरों ने विश्व की सबसे बड़ी बांसुरी का तैयार किया है.

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का 22 जनवरी को होनी है. इसको लेकर पूरे देश का माहौल राममय है. जोरों-शोरों से तैयारी चल रही हैं. ऐसे में बांसुरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी का जिला पीलीभीत कैसे अछूता रह जाता. बांसुरी के लिए मशहूर पीलीभीत के मुस्लिम कारीगरों ने विश्व की सबसे बड़ी बांसुरी का तैयार किया है. प्राण प्रतिष्ठा के दिन पीलीभीत की बांसुरी भी अयोध्या में अपना जलवा बिखरेगी. शुक्रवार को इस बांसुरी का पूजन करने के बाद अयोध्या भेज दिया गया. इसे बनाने वाली हिना परवीन ने कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि जिस मंदिर की विश्वभर में चर्चा हो रही है, वहां हमारी बांसुरी जा रही है. शहर में विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने डीएम की मौजूदगी में 21 फीट 6 इंच की बांसुरी का पूजन किया. इसके साथ ही सभी ने जय श्री राम के नारे लगाते हुए खुशी जाहिर की.

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राम जी और कान्हा जी एक ही अवतार है- हिना परवीन

शहर की रहने वाली हिना परवीन ने अपने बेटे और देवर की मदद से इस बांसुरी का निर्माण किया है. उन्होंने ही इसे विश्व की सबसे लंबी बांसुरी होने का दावा किया है. इसके साथ ही जिले के लोग भी इस बात पर हामी भरते दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब से हमें पता चला कि राम मंदिर की स्थापना हो रही है, हम इस बांसुरी को बनाना चाहते थे. यह बांसुरी 21 फीट 6 इंच की है. पीलीभीत में इससे पहले 16 फीट की बांसुरी का रिकॉर्ड था. अब यह विश्व की सबसे बड़ी बांसुरी है. अब अयोध्या में भेजने के लिए हमने इसे विहिप को भेज दिया है. आज बांसुरी पूजन हो रहा है. इसके बाद पीलीभीत में इस बांसुरी का भ्रमण होगा, फिर श्री राम मंदिर के लिए यह बांसुरी जाएगी. हिना परवीन ने आगे बताया कि भगवान श्री कृष्ण का बांसुरी से खास नाता है. सभी जानते हैं. मथुरा में हमारी बांसुरी जाती रही हैं. कान्हा जी से हमारा बहुत पुराना रिश्ता है. यह वाद्य यंत्र कान्हा जी से शुरू होता है, उन्हीं से हमारा कारोबार है. इसलिए हमारा उनसे बहुत पुराना रिश्ता है. राम जी और कान्हा जी एक ही अवतार है. राम जी के दरबार में सभी चीजें जा रही हैं, तो हमारी बांसुरी भी वहां होनी चाहिए. बस यही वजह है कि हमने इस बांसुरी को श्री राम मंदिर के लिए बनाया है.

20 साल पूराने असम के बांस से तैयार हुआ है यह बांसुरी- हिना परवीन

हिना परवीन कहती हैं कि यह हमारा पुश्तैनी काम है. 20 साल पहले मेरे पति असम से खास तरह का बांस लेकर आए थे. इसके बाद मैंने उसी बांस से अपने राम जी के लिए यह बांसुरी बनाई है. बांसुरी नगरी के सबसे हुनर कारीगर अपने देवर शमशाद को बुलाया. उन्होंने इस बांसुरी में सुर डाला है. विश्व हिंदू परिषद ने हमारी पूरी मदद की. हमारे दिल में उत्साह था, अब यह उत्साह दोगुना हो गया है. मैं धन्य हो गई. मेरे पति अभी इस दुनिया में नहीं है. वहीं हिना परवीन के देवर शमसाद बांसुरी में सुर डालने का काम करते हैं. उन्होंने ही बांसुरी में सुर डाले हैं. इस पर शमशाद ने कहा कि इस बांसुरी के स्वर पूरी तरह से ठीक हैं. हारमोनियम या किसी भी वाद्य यंत्र की ताल हो, यह बांसुरी सभी से सुर से सुर मिला सकती है.वहीं हिना परवीन बताया कि हमें बड़ा और मोटा बांस चाहिए था. यह संजोग है कि हमारे पति नवाब अहमद जो बांस लाए थे, वह मिल गया. आश्चर्य तब हुआ, जब इतने साल पुराने बांस को ना घुन लगा, ना दीमक लगी और ना यह कहीं से डैमेज हुआ. शायद राम जी की कृपा ही रही. यह बांस अभी भी असम में नहीं मिल सकता. मैं ऐसा दावे के साथ कह सकती हूं कि इस बांसुरी के बांस का अब मिलना मुमकिन नहीं है. सब संयोग की बात है, पता नहीं क्यों मेरे दिवंगत पति इस बांस को लाए थे और इसका कभी प्रयोग नहीं हुआ, शायद यह राम जी के लिए ही आया था. वहीं डीएम प्रवीण कुमार ने कहा कि इस बांसुरी के लिए गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड से संपर्क किया गया है. शुक्रवार को इसका पूजन किया गया है. अब यह अयोध्या के लिए भेजी जा रही है. अब जल्द ही इसे विश्व की सबसे बड़ी बांसुरी के रूप में दर्ज कराने की कवायद होगी.

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