Ayodhya Ram Mandir: श्री रामलला की 70 साल पुरानी मूर्ति भी मंदिर के गर्भ गृह में होगी स्थापित
श्री रामलला विराजमान को तीनों भाइयों सहित मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा. उसकी भी प्रतिदिन पूजा-अर्चना होगी. ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने सोमवार को यह जानकारी दी.
अयोध्या: श्री रामलला विराजमान की पूजा अर्चना को लेकर लग रहे कयास पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को विराम लगा दिया है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में साफ किया कि पुरानी मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा. उसकी भी प्रतिदिन पूजा-अर्चना होगी.
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में वर्तमान में भगवान श्रीरामलला की मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है, उन्हें भी नए मंदिर के गर्भ गृह में ही स्थापित किया जाएगा. नई प्रतिमा के साथ-साथ उनकी भी एक समान पूजा अर्चना की जाएगी. बहुत से लोग जानना चाहते थे कि गर्भ गृह में श्रीरामलला की नई प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद वर्तमान में जिस मूर्ति की पूजा अर्चना की जा रही है, उसका क्या होगा.
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चंपत राय ने बताया कि भगवान की वर्तमान प्रतिमाएं जिनकी उपासना, सेवा, पूजा लगातार 70 साल (1950 से) से चली आ रही है, वो भी मूल मंदिर के मूल गर्भ गृह में ही उपस्थित रहेंगी. उन्होंने बताया कि जैसे अभी उनकी पूजा और उपासना की जा रही है, वैसी ही 22 जनवरी से भी अनवरत की जाएगी. उन्होंने ये भी बताया कि पुरानी प्रतिमाओं के साथ-साथ श्रीरामलला की नई प्रतिमा को भी अंग वस्त्र पहनाए जाएंगे. वर्तमान में जिस मंदिर में श्रीरामलला की पूजा होती है, वहां श्रीरामलला अपने तीनों भाइयों के संग विराजमान हैं.