अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तेजी से काम जारी है. इस बीच गर्भगृह की नई तस्वीर भी सामने आ गई है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इन तस्वीर को सोशल साइट एक्स पर जारी किया है.
इस तस्वीर में साफ दिख रहा है कि रामलला के मंदिर का गर्भ गृह बनकर तैयार हो चुका है. वहीं तस्वीर में साफ भव्य गर्भगृह की दीवारों और गुंबद पर खूबसूरत नक्काशी नजर आ रही है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इसे लेकर सोशल साइट एक्स पर लिखा कि प्रभु श्री रामलला का गर्भ गृह स्थान लगभग तैयार है. हाल ही में लाइटिंग-फिटिंग का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है. आपके साथ कुछ छायाचित्र साझा कर रहा हूं.
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 22 जनवरी 2024 को होगा, इस दिन शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस मौके पर कई विशिष्ट अतिथि भी ऐतिहासिक आयोजन के साक्षी बनेंगे.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया कि अलग-अलग स्थानों के लोग भगवान राम लला के लिए वस्त्र बना रहे हैं. कोई गुजरात में बना रहा है तो कई अन्य स्थानों पर तैयार कर रहे हैं.
स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया कि पुणे में एक ऐसा वस्त्र बनाया जा रहा है, जिसके लिए अनेक लोग आकर दो-दो धागे बुनकर स्वर्ण के धागे से इस वस्त्र को तैयार कर रहे हैं. इनमें से हमें जो भी अच्छा लगेगा हम उस वस्त्र को भगवान राम लला को पहनाएंगे.
स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया कि 10 दिसंबर को इस योजना की शुरुआत होगी और 22 दिसंबर तक वस्त्र तैयार हो जाएगा. इसके बाद भेष बनाकर भगवान राम लला को पहनाया जाएगा, यह वस्त्र पुणे में बन रहा है.
इस बीच अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों की दीवारों को टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) के माध्यम से एजेंसी चुनने के लिए आवेदन मांगे हैं.
अयोध्या विकास प्राधिकरण के मुताबिक प्रतिष्ठित धर्म पथ रोड के किनारे टेराकोटा कलाकृतियों व भित्तिचित्रों की आगामी डिजाइन, निर्माण, स्थापना व इसकी समकालीन जीवंतता को बढ़ाने के साथ अयोध्या की विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है.
ये भित्तिचित्र दृश्य इतिहास के रूप में काम करेंगे, जो पवित्र किंवदंतियों, महाकाव्यों और कहानियों का वर्णन करते हैं, जो सदियों से अयोध्या के हदयस्थल पर अंकित हैं. ये शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही ओपन एयर गैलरी के तौर पर भी कार्य करेंगे.