अयोध्या (Ayodhya) में रामलला (Ram lalla) की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को प्रस्तावित है. इस समारोह को भव्य एवं विराट बनाने के लिए पूरे जोर शोर के साथ तैयारियां हो रही हैं. इसी क्रम में योगी सरकार (Yogi Government) ने कण-कण में व्याप्त राम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का निर्णय लिया है. इसके माध्यम से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध परंपरा को और निखारकर पूरे प्रदेश को राममय करेगी. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए बनाए जाने वाले मंच भी रामायण से जुड़े प्रसंगों पर होंगे. योगी सरकार इसके लिए प्रतिदिन प्रदेश समेत देश के नामचीन व नए 500 प्रतिभाओं को मंच उपलब्ध कराएगी. साथ ही रामनगरी के कई प्रमुख स्थानों, 25 पौराणिक स्थलों और चौराहों पर भी यह सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाएंगे. अयोध्या के प्रमुख स्थानों पर रामायणकालीन प्रसंगों पर आधारित मंच भी बनेंगे, जिससे नई पीढ़ी भी श्रीराम की विचारों से अवगत होगी. श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर राम की पैड़ी पर पुरुषोत्तम मंच, भजन संध्या स्थल पर सरयू मंच, सांस्कृतिक संकुल प्रेक्षागृह में भरत मंच, रामकथा पार्क में कागभुशुन्डि मंच, तुलसी उद्यान में तुलसी मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का निर्देश दिया गया है. साथ ही शहर के प्रमुख 25 पूराने स्थनों-चौराहों पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होंगे. इसमें नामचीन व नए प्रतिभाएं भी अपनी कला दिखाएंगी.
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बता दें कि योगी सरकार श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर संतों द्वारा रामकथा, अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय रामलीलाओं का मंचन, रामायण परंपरा पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां, शास्त्रीय-उप शास्त्रीय, लोकगायन-वादन व नृत्य की प्रस्तुतियां, रंगोली-चित्रकला, रामायण पर आधारित क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन कराएगी. लोक में राम पर आधारित नाट्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देगी. इसका उद्देश्य पूरे यूपी को राममय करना है. लखनऊ में हुई बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामायण, कीर्तन, रामचरित मानस के आयोजन कराने के निर्देश दिए थे. अयोध्या के दिगंबर अखाड़ा, वाल्मीकि मंदिर नया पुरवा, वेद मंदिर, मौनी बाबा मंदिर, जानकी महल, रामजानकी मंदिर भरत कुंड, जालपा मां मंदिर, गुप्तार घाट, रामानंद आश्रम निकट छोटी छावनी, वाल्मीकि भवन, सूर्यकुंड समेत कई स्थानों पर 14 जनवरी से 24 मार्च तक भजन-कीर्तन, रामायण-रामचरित मानस पाठ, सुंदरकांड आदि कार्यक्रम के आयोजन पर भी जोर दिया जा रहा है.बता दें कि प्राचीन मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य के आरंभ से पहले शंख बजाने से ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसकी ध्वनि से सभी बाधाओं व दोषों को दूर करते हुए सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसको ध्यान में रखते हुए सीएम योगी के निर्देशानुसार श्रीराम जन्मभूमि में 1111 शंखों का वादन करते हुए विश्व रिकॉर्ड किया जाना प्रस्तावित है. इसके लिए एनसीजेडसीसी व आईजीएनसीए की मदद ली जाएगी. इसके अलावा सामूहिक सरयू आरती व सौष्ठव कलाओं के प्रदर्शन का विश्व रिकॉर्ड बनेगा.