राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: 20 जनवरी को सरयू जल से धोया जाएगा गर्भगृह, 50 हजार करोड़ के कारोबार का अनुमान
राम मंदिर को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है.ऐसे में कारोबार जगत भी इसमें बड़े अवसर तलाश रहा है. मंदिर निर्माण से आर्थिक गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिलेगा. कारोबारियों के मुताबिक राम मंदिर से संबंधित सभी उत्पादों को लेकर श्रद्धालुओं में बेहद उत्साह नजर आ रहा है.
Ayodhya News: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट तैयारियों को तेजी से अंतिम रूप दे रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को एयरपोर्ट का लोकार्पण करने के साथ कई बड़ी परियोजनाओं को अयोध्यवासियों को समर्पित करेंगे. पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन का उद्घाटन भी इनमें महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही राम मंदिर को लेकर पूरे देश में गतिविधियों में उफान देखने को मिलेगा. खास बात है कि राम मंदिर उद्घाटन की घड़ी करीब आने के साथ जहां श्रद्धालुओं में बेहद उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं पर्यटन सेक्टर सहित अन्य कारोबार से जुड़े व्यापारी भी काफी उत्साहित हैं. राम मंदिर निर्माण ने अयोध्या के आर्थिक विकास की मजबूत नींव रखने का काम किया है. इसके साथ ही पूरे देश में इससे कारण मंदिर से संबंधित पूजा सामग्रियों और अन्य वस्तुओं के कारोबार में तेजी आई है.
कारोबार जगत तलाश रहा बड़े अवसर
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी सीएआईटी के अनुमान के मुताबिक अयोध्या राम मंदिर से संबंधित उत्पादों की बिक्री से केवल जनवरी माह में ही में 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार हो सकता है. सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक राम मंदिर को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है.ऐसे में कारोबार जगत भी इसमें बड़े अवसर तलाश रहा है. देशभर के कारोबारी सीएआईटी के नेतृत्व में एक जनवरी से दुकान, बाजार सजाने की तैयारी में हैं. इससे आर्थिक गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिलेगा. कारोबारियों के मुताबिक राम मंदिर से संबंधित सभी उत्पादों को लेकर श्रद्धालुओं में बेहद उत्साह नजर आ रहा है. लेकिन, राममंदिर की प्रतिकृति के लिए लोग सबसे ज्यादा उत्सुक हैं. इसकी बाजार में काफी मांग है. इसके अलावा श्रीराम ध्वजा, श्रीराम के चित्र और मालाएं, लॉकेट, चाबी के छल्ले, रामदरबार की फोटो समेत अन्य संबंधित सामान भी अब बाजार में उपलब्ध हैं.वहीं रामनामी कुर्ते, टी शर्ट और अन्य वस्त्रों की मांग में भी इजाफा हुआ है. कपड़ा उद्योग में भी इसे लेकर तेजी देखने को मिल रही है.
राम मंदिर में आरती के लिए बुकिंग शुरू, ये दस्तावेज होना जरूरी
इस बीच रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम जन्मभूमि मंदिर में ‘आरती’ पास प्राप्त करने के लिए बुकिंग शुरू हो गई है. दिन में तीन बार सुबह 6:30 बजे, दोपहर 12:00 बजे और शाम 7:30 बजे भगवान राम की आरती की जाएगी. आरती पास के लिए खंड प्रबंधक ध्रुवेश मिश्र के मुताबिक सुबह के समय शृंगार आरती, दोपहर में भोग आरती और शाम के समय संध्या आरती की जाएगी. हर आरती में अधिकतम 30 लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी, जिसके लिए पास जरूरी होगा. इसी को लेकर बुकिंग शुरू हो गई है. सुरक्षा कारणों से आरती के लिए सीमित संख्या में पास जारी करने का फैसला किया गया है. भविष्य में इस संख्या में इजाफा हो सकता है. श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पास जारी करने का काम पहले ही शुरू हो चुका है. राम जन्मभूमि मंदिर के पोर्टल से श्रद्धालु अपने पास ऑनलाइन बना सकते हैं. उन्हें अयोध्या के काउंटर से ये पास मिल जाएगा. पास के लिए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट इन चार में से कोई एक दस्तावेज देना होगा. जिस दस्तावेज पर पास बनेगा, उसे अपने पास रखना होगा.
स्वागत द्वार और छत्र लगाने का काम 31 दिसंबर तक हो पूरा
इस बीच, श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर के निर्माण कार्य को तीन चरणों में बांटा गया है. पहले चरण का काम पूरा होने के करीब है. दूसरा चरण जनवरी में पूरा होगा, जब मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होगा. वहीं तीसरे चरण में जटिल निर्माण कार्य शामिल है. नृपेंद्र मिश्र ने अधिकारियों को जन्मभूमि पथ पर स्वागत द्वार और छत्र के साथ लगाए जा रहे सुरक्षा उपकरणों का काम इस महीने के शेष दिनों में पूरा करने को कहा.
18 जनवरी से औपचारिक अनुष्ठान की होगी शुरुआत
प्राण प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों तक चलेगा. 16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट द्वारा नियुक्त यजमान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे. सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा. 17 जनवरी को भगवान राम की बाल स्वरूप की मूर्ति लेकर एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा. मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे. 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे. 19 जनवरी को पवित्र अग्नि जलाई जाएगी. इसके बाद नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा. मंदिर के गर्भगृह को 20 जनवरी को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास अनुष्ठान होगा. 21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों से स्नान कराया जाएगा और फिर उनको आराम करने दिया जाएगा. 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर में मृगशिरा नक्षत्र में राम लला का अभिषेक किया जाएगा.