Ayodhya: अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा है. इस बीच श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को मंदिर की तस्वीरें साझा की. उन्होंने इसे लेकर ट्वीट किया कि प्रभु श्री राम जी का मंदिर धीरे-धीरे भव्य स्वरूप ले रहा है.
श्री रामजन्मभूमि स्थल पर की गई खुदाई में प्राचीन मंदिर के अवशेष भी मिले हैं. इसमें कई मूर्तियां और स्तंभ भी शामिल हैं. चंपत राय ने सोशल मीडिया साइट पर इसकी एक तस्वीर भी शेयर की. इसमें खंभे, मूर्तियां, पत्थर, शिलालेख नजर आ रहे हैं. उन्होंने इसके साथ ही जानकारी देते हुए लिखा कि श्री रामजन्मभूमि पर खुदाई में मिले प्राचीन मंदिर के अवशेष. इसमें अनेकों मूर्तियां और स्तंभ शामिल हैं.
मंदिर परिसर में इन अवशेष को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है. अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अगले वर्ष जनवरी में की जानी है. इसकी तारीख को लेकर भले ही अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. लेकिन, माना जा रहा है कि 22 जनवरी 2024 को शुभ मुहूर्त में रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे. कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा जा चुका है. श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास भी इसे लेकर बयान दे चुके हैं.
Also Read: बरेली: मूसलाधार बारिश से उफनाई गंगा-रामगंगा, खतरे का निशान छूने के करीब, फसलों के कटान से किसान परेशानइसके साथ ही मंदिर के भूतल के गर्भगृह में फर्श पर मार्बल का काम शुरू कर दिया गया है.वहीं गर्भगृह के दरवाजों को भी लगाने का ट्रायल किया गया. यह दरवाजे महाराष्ट्र के चंद्रपुर के जंगलों से लाई गई सागौन से बनाए गए हैं. इन दरवाजों पर आकर्षक कारीगरी भी की गई है. तेलंगाना हैदराबाद के अनुराधा टिंबर्स फर्म ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी से लाए कई कारीगरों के जरिए इन दरवाजों का निर्माण कराया है.
इन कारीगरों ने अपने हस्तशिल्प का सुंदर नमूना प्रस्तुत करते हुए दरवाजा की गढ़ाई में शुभता के प्रतीक सूंड उठाए हुए हाथी के अलावा करबद्ध यक्षिणी की चित्रकारी की है. इसके दरवाजे के किनारों को सुंदर फूल पत्तियों से भी सजाया गया है. फर्म के एमडी शरद बाबू ने बताया कि इन्हीं कारीगरों ने लकड़ी से निर्मित धनुर्धारी भगवान राम की मूर्ति के साथ राम मंदिर मॉडल का निर्माण किया था. इस मॉडल के साथ भगवान की मूर्ति को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेंट किया गया, जिसे रामलला के दर्शन मार्ग के मध्य में स्थापित किया गया है.
इसके साथ ही अयोध्या के प्रतिष्ठित हनुमानगढ़ पीठ में दर्शनार्थियों की बढ़ती भीड़ के मद्देनजर अहम निर्णय किया गया लिए मंदिर गए गर्भगृह के चारों ओर परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा. हनुमानगढ़ के महंत प्रेमदास के मुताबिक मंदिर की प्रबंध कमेटी इसका निर्माण करवाएगी. मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए सरकार से कोई सहायता नहीं ली जाएगी.
उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रवेश द्वार और निकास द्वार को चौड़ा करते हुए बड़ा आकार दिया जाएगा, जिससे कि श्रद्धालुओं को धक्का मुक्की की समस्या से निजात मिलेगी. मंदिर में श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर भी लगाने पर भी सहमति बनी है. मंदिर की चारों पट्टी के महंत और पंचों ने पंचायत में राम मंदिर के निर्माण के साथ हनुमानगढ़ी में बढ़ती भीड़ की वजह से कई सुविधाएं उपलब्ध करवाने का निर्णय किया है.
इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) की तीन कंपनी अयोध्या पहुंच गई है. एसएसएफ की इन तीन कंपनी में 280 जवान है. पुलिस लाइन में सभी जवान अपनी आमद करा चुके हैं. जल्द ही ये सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल लेंगे.
क्षेत्राधिकारी अयोध्या एसपी गौतम ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर में इन जवानों को तैनाती से पहले दस दिनों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद तैनाती की जाएगी. पीएसी जवानों के साथ मिलकर यह फोर्स श्रीराम जन्मभूमि के आंतरिक परिसर और उससे सटे बाहरी परिसर की सुरक्षा संभालेगी. दरअसल रामनगरी अयोध्या को कुल छह कंपनी एसएसएफ की मिलनी है. पहले चरण में तीन कंपनी मिल गई है आने वाले समय में तीन अन्य कंपनी एसएसफ भी मिल जाएगी.
दरअसल एसएसएफ का गठन यूपी सरकार ने पुलिस और पीएसी के सर्वश्रेष्ठ जवानों को चुनकर किया है. उन्हें सुरक्षा के लिए विशेष ट्रेनिंग भी दी गई है. वहीं अयोध्या में स्पेशल ट्रेनिंग के दौरान उन्हें सुरक्षा चुनौतियों से निपटने को लेकर जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई को लेकर उन्हें लोकेशन और रूट मैप से भी अवगत कराया जाएगा.
रामलला की सुरक्षा में सबसे भीतरी और अंतिम भाग की सुरक्षा पूरी तरह सीआरपीएफ के हाथ में है. इसके लिए एक महिला बटालियन सहित सीआरपीएफ की 6 बटालियन मौजूदा समय में तैनात हैं. वहीं पीएसी की 12 कंपनी भी श्रीराम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा में लगाई गई हैं. रामलला की सुरक्षा में सीआरपीएफ के कमांडो तैनात होते हैं. वही मंदिर के बाहरी हिस्से और चेकिंग प्वाइंट पर सिविल पुलिस के महिला और पुलिस पुरुषकर्मी की तैनाती की गई है. श्रीराम जन्मभूमि परिसर को रेड जोन कहा जाता है और इसके बाहरी भाग को यलो जोन के नाम से जाना जाता है. यलो जोन की सुरक्षा सिविल पुलिस और पीएसी के हाथ में रहती है. इसके लिए पीएसी की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं.