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Ayodhya: रामलला का विग्रह 17 जनवरी को निकलेगा अयोध्या भ्रमण पर, काशी के 21 ब्राह्मण कराएंगे प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक 18 जनवरी से प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान की शुरुआत हो जाएगाी. राम मंदिर की सभी 32 सीढ़ियां बनकर तैयार हो गई हैं. गर्भगृह में जहां रामलला को प्राणप्रतिष्ठित कराया जाएगा, उसके फाउंडेशन भी सजाने काम चल रहा है.

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राममला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है. श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रण भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है. प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान की 18 जनवरी से शुरुआत हो जाएगाी. इससे पहले 17 जनवरी को रामलला का विग्रह अयोध्या में नगर भ्रमण पर निकलेगा, जिसमें शामिल होकर अध्योध्यावासी पूरी दुनिया को राम मंदिर निर्माण के भव्य आयोजन का संदेश देंगे. प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य कार्यक्रम के साथ ही काशी तथा अयोध्या की धार्मिक डोर और मजबूत होती नजर आएगी. काशी के शिवभक्तों के पूजा पाठ के बीच ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराएगी जाएगी. रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जिम्मेदारी काशी के 24 वैदिक ब्राह्मणों को सौंपी गई है. काशी के मुख्य आचार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मृगशिरा नक्षत्र में मूर्ति स्थापित कराएंगे. इसके लिए वह पहले की शिवनगरी से रामनगरी पहुंच जाएंगे. इस तरह रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह दो वैदिक धार्मिक नगरों को एक दूसरे से जोड़ता नजर आएगा.

18 जनवरी से होगी अनुष्ठान की शुरुआत

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक 18 जनवरी से प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान की शुरुआत हो जाएगाी. विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की विधि का आरंभ गणेश, अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन से होगा. इससे पहले 17 जनवरी को ही रामलला की प्रतिमा अयोध्या में नगर भ्रमण पर निकलेगी. काशी के वैदिक पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में वैदिक ब्राह्मणों की टोली 17 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना होगी. मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे और उनके पुत्र जयकृष्ण दीक्षित और सुनील दीक्षित पूजन कराएंगे.

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सरयू के जल से धोया जाएगा राम मंदिर का गर्भगृह

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि राम मंदिर के गर्भगृह को सरयू से लाए गए 81 कलशों के जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास कर्मकांड होंगे. रामलला का अन्नाधिवास, जलाधिवास और घृताधिवास होगा. 21 जनवरी को 125 कलशों से मूर्ति के दिव्य स्नान के बाद शय्याधिवास कराया जाएगा. 22 जनवरी को सुबह नित्य पूजन के बाद मध्याह्न काल में प्राण प्रतिष्ठा की महापूजा होगी. षोडशोपचार पूजन के बाद मूर्तियों पर अक्षत छोड़ा जाएगा और पहली महाआरती के बाद रामलला आम भक्तों को दर्शन देंगे.

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के फाउंडेशन पंजाब की खास ईंट का प्रयोग

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक राम मंदिर की सभी 32 सीढ़ियां बनकर तैयार हो गई हैं. सीढ़ियों की रेलिंग भी बन गई है. गर्भगृह में जहां रामलला को प्राणप्रतिष्ठित कराया जाएगा, उसके फाउंडेशन भी सजाने काम चल रहा है. बिजली व्यवस्था के लिए वहां पंजाब से आई विशेष ईंटे लगाई जा रही हैं, जिनमें से लाइटिंग के लिए वायर लगाए जाएंगे. इसके अलावा कुबेर टीले के सुंदरीकरण का भी काम तेजी से चल रहा है. मंदिर में कई झरोखे भी बनाए गए हैं, जिन पर अद्भुत नक्काशी की गई है. रामजन्मभूमि परिसर में बन रहे तीर्थयात्री केंद्र के भूतल का काम पूरा हो चुका है। प्रथम तल का काम मंदिर के उद्घाटन के बाद शुरू होगा.

राम मंदिर का अपना 33 केवीए का पॉवर स्टेशन जल्द होगा शुरू

इस बीच राममंदिर का अपना 33 केवीए का पॉवर सब स्टेशन आठ दिसंबर से शुरू हो जाएगा. पांच दिसंबर को रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन 33 केवीए के सब स्टेशन को कनेक्शन भी मिल जाएगा. इसके बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट आठ दिसंबर को मंदिर की बिजली व्यवस्था का ट्रायल शुरू कर देगा. विशेष अवसरों पर राममंदिर में विशेष प्रकाश व्यवस्था हो ऐसी योजना है.

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को लेकर जमीन खरीद रहा ट्रस्ट

राम मंदिर में देश विदेश से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने के कारण श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भविष्य को देखते हुए भी कई कदम उठा रहा है. इसके मद्देनजर वह परिसर के आसपास अब तक 30 एकड़ जमीन पिछले दो सालों में आम सहमति से खरीद चुका है. सुप्रीम कोर्ट फैसले के बाद रामजन्मभूमि परिसर की 70 एकड़ जमीन ट्रस्ट को मिली थी. इसके बाद से ट्रस्ट ने परिसर के आस-पास व बाहर स्थित करीब 30 एकड़ जमीन पिछले दो सालों में खरीदी है. इस तरह ट्रस्ट अब करीब 100 एकड़ जमीन का मालिक हो चुका है. राममंदिर ट्रस्ट से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए ट्रस्ट समय-समय पर जमीनें लेता रहता है. इसका मकसद आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना है.

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