लखनऊ: अयोध्या के श्री राम मंदिर में रामलला के तीनों विग्रह अलग-अलग स्थापित होंगे. इनमें से मुख्य विग्रह कौन होगा, इसका खुलासा खरमास के बाद किया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सभी ट्रस्टी ने इसको लेकर सहमति बना ली है. भूतल में प्रतिष्ठित होने वाले विग्रह की जानकारी ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि व भवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र देंगे. ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मंगलवार से सोशल मीडिया पर विग्रह से संबंधित वायरल जानकारी को पूरी तरह से निराधार बताया है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी कामेश्वर के अनुसार जैसे-जैसे मंदिर का निर्माण होगा विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. तीनों ही विग्रह बहुत अधिक सुंदर बने हैं. मूर्तिकारों ने अपना पूरा अनुभव इन विग्रहों के निर्माण में इस्तेमाल किया है. मुख्य विग्रह की अधिकृत घोषण ट्रस्ट करेगा. उनके अनुसार पेजावर मठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ, संस्थापक ट्रस्टी केशव परासरन और अपर मुख्य सचिव गृह संजय प्रसाद की राय भी ले ली गई है.
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यूपी सरकार अवधपुरी में संचालित किए जाने वाले भोजनालय/भंडारा को ‘माता शबरी’ के नाम पर स्थापित किया जाए. इसी प्रकार रैन बसेरे को ‘निषादराज गुह्य अतिथि गृह’ के रूप में विकसित किया जाएगा. अन्य भवनों के नामकरण भी इसी प्रकार रामायणकालीन चरित्रों के नाम पर किया जाएगा. सीएम योगी ने समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए हैं.
अयोध्या में ईको फ्रेंडली गोल्फ कार की सेवा शुरू हो गई. इससे बुजुर्ग व नि:शक्त लोगों को राम मंदिर तक पहुंचाया जाएगा. राम मंदिर परिसर को प्रदूषण से मुक्त रखने में बैटरी चलित गोल्फ कार से मदद मिलेगी. सीएम योगी ने अयोध्या और राम मंदिर परिसर को धूल व गंदगी मुक्त रखने के निर्देश दिए हैं.
#WATCH | Uttar Pradesh: Eco-friendly golf car service started in Ayodhya ahead of the consecration ceremony of the Ram Temple on January 22. pic.twitter.com/Qg80YT0cW3
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 2, 2024
सीएम योगी ने अयोध्या का एक डिजिटल टूरिस्ट एप विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने कहा कि उसमें अयोध्या में मौजूद सभी आधारभूत सुविधाओं एवं प्रमुख स्थलों की जानकारी वॉक थ्रू के माध्यम से उपलब्ध हो. वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद सरयू जी की आरती की परंपरा प्रारंभ कराई गई. इसे और व्यवस्थित और आकर्षक बनाए जाने की जरूरत है. अर्चकों का प्रशिक्षण भी कराया जाना चाहिए.
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