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Ayodhya : भगवान राम के स्थानों की पहचान के लिए हर जगह स्थापित होगा ‘ राम स्तंभ ‘, जानें- कब और कहां लगेगा

अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का 70 फीसदी काम पूरा भी हो चुका है . रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य रूप से आयोजित करने की तैयारी जोरशोर से चल रही है. 27 सितंबर से ' राम स्तंभ ' स्थापित करने की शुरुआत कर दी जाएगी.

By अनुज शर्मा | September 21, 2023 4:41 PM
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अयोध्या (यूपी): भगवान राम की नगरी अयोध्या से एक नयी शुरुआत होने जा रही है. भगवान राम के जहां- जहां पैर पड़े वहां- वहां स्तंभ स्थापित किए जाएंगे. इस पर वाल्मीकि रामायण में वर्णित श्लोक और उनका अर्थ स्थानीय भाषा में लिखा जाएगा. अशोक सिंघल फाउंडेशन ने इसकी पूरी कार्य योजना तैयार कर ली है. अगले सप्ताह से इसको अमलीजामा पहनाया जाने लगेगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने गुरुवार को दिल्ली में अशोक सिंघल फाउंडेशन के पदाधिकारियों से मुलाकात करने के बाद मीडिया को यह जानकारी दी है. अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का 70 फीसदी काम पूरा भी हो चुका है . रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य रूप से आयोजित करने की तैयारी जोरशोर से चल रही है.

 स्तंभ पर  वाल्मिकी रामायण से लिखा जाएगा कोई श्लोक

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन जनवरी के महीने में होगा. मंदिर निर्माण के साथ ही भगवान श्रीराम के जीवन और महत्व से जुड़े स्थानों को भी पहचान दी जाएगी. चंपत राय कहते हैं, ”दिल्ली में अशोक सिंघल फाउंडेशन नाम से एक ट्रस्ट है. उस ट्रस्ट का विचार राम के जीवन और महत्व से जुड़े स्थानों पर भगवान राम का पत्थर का स्तंभ लगाना है.” उस पर वाल्मिकी रामायण में उस स्थान का वर्णन करने वाला कोई श्लोक लिखा जाएगा. यह श्लोक उस भाषा में लिखा जाएगा जिसे स्थानीय समाज समझता हो, उसका अर्थ भी उसी भाषा में लिखा जाएगा.

पूरा खर्चा अशोक सिंघल फाउंडेशन वहन करेगा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इस पर आने वाले खर्च को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है. चंपत राय ने बताया कि स्तंभ जहां- जहां लगेंगे वहां- वहां इस पर आने वाला खर्च सरकार से नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार कोई पैसा खर्च नहीं करेगी. इसका पूरा खर्चा अशोक सिंघल फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा.पहला स्तंभ 27 सितंबर तक अयोध्या पहुंच जाएगा.चंपत राय के अनुसार इसे मणि पर्वत पर स्थापित करने का विचार है.

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